भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पूरे साल में कई दिन नए वर्ष के दिन के रूप में मनाए जाते हैं। हिंदू धार्मिक त्योहार विक्रम संवत पर आधारित हैं।[1] यह इस तथ्य पर निर्भर करता है कि चंद्र, सौर या चान्द्र-सौर पञ्चाङ्ग का पालन किया जा रहा है या नहीं। सौर पांचांग का पालन करने वाले क्षेत्रों में, नया साल पंजाब में बैसाखी, असम में रोंगाली बिहू, तमिलनाडु में पुथंडु, केरल में विशु, ओडिशा में पाना संक्रांति या ओडिया नबबरसा और बंगाल में पोइला वैशाख के महीने में पड़ता है। संभवत: यह 14 या 15 अप्रैल को पड़ता है। चंद्र पांचांग को माननेवाले चैत्र के महीने (मार्च-अप्रैल से संबंधित) को वर्ष का पहला महीना मानते हैं, इसलिए इस महीने के पहले दिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में उगादी के रूप में और महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप में नया साल मनाया जाता है। इसी तरह, भारत में कुछ क्षेत्र लगातार संक्रांति के बीच की अवधि को एक महीना मानते हैं और कुछ अन्य लगातार पूर्ण चंद्रमाओं के बीच की अवधि को एक महीना मानते हैं। इसी तरह, भारत में कुछ हिस्सों में संक्रांति का पर्व लगातार एक महीने के लिए मनाया जाता है और कुछ अन्य क्षेत्रों में लगातार पूर्णिमा तक एक महीने के रूप में इस पर्व को मनाया जाता हैं। गुजरात में नया साल दिवाली के अगले दिन के रूप में मनाया जाता है।[2] हिंदू तिथि कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक के महीने में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पर पड़ता है। गुजरात में नया साल कार्तिक (एकम) के पहले दिन पड़ता है। भारत के अन्य भागों में, नए साल का जश्न बसंत ऋतु में शुरू होता है।

  1. Sewell, Robert; Dikshit, S. B. (31 May 1995). The Indian Calendar with Tables of the Conversion of Hindu and Muhammadan into A .D. Dates & Vice Versa. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120812079.
  2. Sewell, Robert; Dikshit, S. B. (31 May 1995). The Indian Calendar with Tables of the Conversion of Hindu and Muhammadan into A .D. Dates & Vice Versa. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120812079.