भारतीय विधि

इंडिया संविधान

भारतीय कानून, ब्रितानी कानून पर आधारित है। अंग्रेज़ो ने इसे पहली बार अपने शासनकाल के दौरान लागू किया। अंग्रेज़ो द्वारा लागू किये कई अधिनियम (acts) और अध्यादेश (ordinances) आज भी प्रभावशील हैं।

भारत का संविधान किसी देश के लिए सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 450 लेख, 12 अनुसूचियाँ, 103 संशोधन और 117,369 शब्द हैं।

भारतीय संविधान के लेखन के दौरान इसमें आयरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरीका, ब्रिटेन और फ्रांस के कानूनों को समाहित (synthesize) किया गया था। भारतीय कानून, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार और वातावरण संम्बधी दिशानिर्देशों के अनुरूप है। इसमें कुछ अंतरराष्ट्रीय कानूनों, जैसे बौधिक अधिकारों आदि, को भारत में लागू किया गया है।

भारतीय नागरिक कानून (Indian Civil Law) एक जटिल कानून है जिसमें प्रत्येक धर्म-विशेष के अपने कानून हैं। अधिकांश राज्यों में विवाह और तलाक के लिए पंजीकरण आवश्यक नहीं है। हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिक्ख व अन्य धर्मों के अपने कानून हैं। इसका अकेला अपवाद गोवा राज्य है जहां पुर्तगाली समान नागरिक संहिता प्रभावी है और सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक और (बच्चा) गोद लेने सम्बंधी एक जैसे कानून हैं

इन्हें भी देखें संपादित करें

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