भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान

भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईटीआरसी या आईआईटीआर) लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित विष विज्ञान से संबंधित अनुसंधान संस्थान है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की संघटक प्रयोगशाला है। यह पर घेरु गांव के निकट महात्मा गांधी मार्ग पर स्थित है। इसकी स्थापना १९६५ में हुई थी। इसके संस्थापक-निदेशक प्रो॰सिब्ते हुसैन ज़ैदी (१९६५-१९७४) मृत्यु-पर्यन्त थे। ये पद्मश्री एवं सर शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के धारक थे।

लखनऊ संम्स्थान्
भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र
स्थापना १९६५
महा निदेशक
अवस्थिति अनुसंधान भवन, रफ़ी मार्ग
नई दिल्ली-११० ००१
पता महात्मा गांधी मार्ग, लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग,
लखनऊ(छतर मंजिल के निकट)
जालस्थल www.csir.res.in

संसथान विषविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में शोध संचालित करता है। इसमें औद्योगिक और पर्यावरण संबंधी रसायनों के मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव एवं वायु, जल एवं मिट्टी में प्रदूषकों के पर्यावरण संबंधी अनुवीक्षण सम्मिलित हैं। संस्थान नियामक निकायों को रसायनों/उत्पादों के सुरक्षित उपयोग हेतु दिशा-निर्देश बनाने/संशोधित करने में भी सहायता प्रदान करता है एवं यह सुनिश्चित करता है कि जनसामान्य को इसका लाभ मिले। आई.आई.टी.आर. जनसामान्य और उद्यमियों को रसायनों और उत्पादों की सुरक्षा/ विषालुता संबंधी उनकी सभी जिज्ञासा और चिंता के उत्तर प्राप्त करने हेतुएक बेजोड़ मंच उपलब्ध कराता है। इसे वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता एवं राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का उपयोग कर गुड लैबोरेटरी प्रैक्टिसेस के अनुरूप अत्याधुनिक सुविधाओं से पूरा किया जाता है।

केन्द्र में किया जाने वाला कार्य केवल उद्योग तक सीमित नहीं है बल्कि पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी है। केन्द्र का प्रमुख कार्य मानव स्वास्थ्य पर रसायनों और अन्य पदार्थों के पर्यावरण पर प्रभाव का पूर्वानुमान एवं उसे समझना है जिससे जनसामान्य को लाभ पहुँचाया जा सके।

आई.आई.टी.आर लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन से ५ किलोमीटर और अमौसी एयरपोर्ट से १५ किलोमीटर है। मुख्य परिसर महात्मा गाँधी मार्ग पर छत्तर मंजिल के सामने है। जिसमें सी.डी.आर.आई. स्थित है। आई.आई.टी.आर 'होटल क्लार्कस अवध' तथा 'शहीद स्मारक' के मध्य स्थित है।

बाहरी सूत्र

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