भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस - आईसीसीआर) भारत सरकार का स्वतंत्र संगठन है जिसकी स्थापना १९५० में हुई थी। इस संस्था का मुख्यालय आजाद भवन, नई दिल्ली में है। इस संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय बंगलुरु, कोलकाता, चंडीगढ़, चेन्नई, जकार्ता, मॉस्को, बर्लिन, कैरो, लंदन, ताशकंद, अलमाटी, जोहान्सबर्ग, डरबन, पोर्ट ऑफ़ स्पेन और कोलंबो में हैं। यह संस्था भारत की संस्कृति और शिक्षा के विकास के अनेक कार्यों में संलग्न हैं।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का प्रतीक चिह्न | |
संक्षेपाक्षर | ICCR |
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स्थापना | अप्रैल 9, 1950 |
प्रकार | अशासकीय संस्था |
मुख्यालय | आज़ाद भवन, आई पी एस्टेट, नई दिल्ली - 110001 |
सेवित क्षेत्र |
वैश्विक |
अध्यक्ष |
श्री विनय सहस्त्रबुद्धे |
मुख्य अंग |
परिषद |
पैतृक संगठन |
भारत सरकार |
टिप्पणियाँ | भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद क्षेत्रीय जयपुर कार्यालय फ़ेस्बुक प्रशंसकों का पृष्ठ |
उद्देश्य्
संपादित करेंभारत तथा अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और पारस्परिक समझ स्थापित, पुनरूज्जीवित और उन्हें सुदृढ़ करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की स्थापना की गई थी। संस्था की नियमावली के अनुसार इसके उद्देश्य निम्न हैंः
- अन्य देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियां और कार्यक्रम तैयार कर ना और उनके कार्यान्वयन में भागीदारी करना;
- भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और पारस्परिक समझ को बढ़ाना और मजबूत करना;
- संस्कृति के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संबंध स्थापित करना और उन्हें विकसित करना।
क्रियाकलाप
संपादित करेंपरिषद् के प्रमुख क्रियाकलाप निम्नलिखित हैंः-
- भारत सरकार और अन्य अभिकरणों की ओर से विदेशी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं का क्रियान्वयन तथा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के कल्याण का पर्यवेक्षण करना;
- भारतीय नृत्य और संगीत सीखने के लिए विदेशी विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान करना;
- प्रदशर्नियों का आदान-प्रदान;
- अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों और परिसंवादों का आयोजन एवं उनमें भाग लेना;
- विदेशों में प्रमुख सांस्कृतिक महोत्सवों में भाग लेना;
- विदेशों में 'भारत महोत्सवों' का आयोजन;
- मंचीय कलाकारों के दलों का आदान-प्रदान;
- अभिनय कलाकारों द्वारा विदेशों में व्याख्यान-प्रस्तुतियां आयोजित करना;
- विशिष्ट आंगुतक कार्यक्रमों का आयोजन करना जिनके अंतर्गत भारत में विदेशों के प्रमुख व्यक्तियों को गणमान्य व्यक्तियों से संवाद करने, व्याख्यान देने और गोलमेज चर्चा में उपस्थित होने और परस्पर हितों के मामले में राय बनाने वालों के साथ संवाद करने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित किया जाता है;
- विदेशों में स्थित विश्वविद्यालयों में भारतीय अध्ययन पीठों की स्थापना और प्रचालन;
- विदेशों में संस्थाओं को पुस्तकें, कलात्मक वस्तुएँ और संगीत वाद्ययंत्र भेंट स्वरूप देना;
- अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव के लिए दिए जाने वाले जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार के लिए सचिवालय उपलब्ध कराना, वार्षिक मौलाना आज़ाद स्मृति व्याख्यान और मौलाना आज़ाद के जन्म और निर्वाण वर्षगाठों का आयोजन;
- भारत और विदेशों में वितरण हेतु पत्रिकाओं का प्रकाशन;
- विदेशों में भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र तथा भारत में क्षेत्रीय कार्यालयों का संचालन;
- एक समृद्ध पुस्तकालय और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की पांडुलिपियों का रख-रखाव;
- दुर्लभ पांडुलिपियों का अंकीयकरण;
- पुस्तकालय अध्येतावृत्ति (फेलोशिप) प्रदान करना;
- हिंदी पत्रिका 'गगनांचल' के प्रकाशन सहित हिंदी संबंधित गतिविधियों को आश्रय प्रदान करना;
- विदेश मंत्रालय की ओर से परियोजनाओं को चलाना; और
- संबंधित क्षेत्र में अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं/एजेंसियों के साथ समन्वय बैठाना।
परिषद् के क्रियाकलाप इसकी शासी परिषद् द्वारा निर्धारित और अनुमोदित किए जाते हैं।
परिषद् को इसके अध्यक्ष और सांविधिक निकायों अर्थात् शासी निकाय, साधारण सभा और वित्त समिति द्वारा मार्गदर्शन दिया जाता है। इन निकायों में सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं, इनमें संसद के प्रतिनिधि, सांस्कृतिक पंडित, शिक्षाविद, सरकारी प्रतिनिधि, ललित एवं प्रतिमा कला के क्षेत्र के प्रतिष्ठित कलाकार, वैज्ञानिक, तकनीकी और अनुसंधान संस्थान सहित विश्वविद्यालय/संस्थाएं तथा परिषद् के उद्देश्यों में रूचि रखने वाले संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये निकाय परिषद् के क्रियाकलापों को नीतिगत दिशा प्रदान करते हैं। महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार के लिए समय-समय पर इन निकायों की बैठक होती हैं। इनमें बजट, कार्रवाई योजना इत्यादि शामिल हैं।