भारत-मॉल्डोवा सम्बन्ध
भारत-मॉल्डोवा सम्बन्ध भारत गणराज्य और मोल्दोवा गणराज्य के बीच द्विपक्षीय संबंधों को संदर्भित करता है। मॉल्डोवा पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था, जिसके विघटन के बाद यह आज़ाद हुआ। भारत ने 28 दिसंबर 1991 को इस देश को मान्यता दी और अगले ही वर्ष, दोनों ने संबंध स्थापित किए।
भारत |
मॉल्डोवा |
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मॉल्डोवा में भारतीय दूतावास बुखारेस्ट, रोमानिया से मान्यता प्राप्त है; जबकि मॉल्डोवा नई दिल्ली में एक मानद वाणिज्य दूतावास और मुंबई में एक वाणिज्य दूतावास रखता है।
दोनों देशों के सम्बन्ध मामूली स्तर पर हैं, लेकिन दोनों ने ही संबंधों को गहरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। दोनों देशों पारस्परिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र जैसे कई अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं।
भारत-मॉल्डोवा द्विपक्षीय व्यापार मामूली रहा है। 2012-13 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार को यूएस $ 9.63 मिलियन डॉलर (भारत का निर्यात यूएस $ 8.94 मिलियन, आयात यूएस $ 0.69 मिलियन) पर मापा गया था।
2011-12 में, द्विपक्षीय व्यापार 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था (भारत का निर्यात यूएस $ 7.5 मिलियन और आयात यूएस $ 0.5 मिलियन था)। [1] हाल ही में भारत ने मॉल्डोवा को अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए 50 लाख रुपये से अधिक का ऋण दिया है।
2015 में, भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 27 अगस्त को मॉल्डोवा के राष्ट्रीय दिवस पर मॉल्डोवा को बधाई दी। [2]
संदर्भ
संपादित करें- ↑ "India–Moldova relations" (PDF).
- ↑ "President of India's message on the eve of National Day of Moldova". मूल से 30 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 दिसंबर 2019. (48.9 KB)