धरती के कुछ भाग दूसरे भागों के सापेक्ष धीमी किन्तु लगातार विस्थापित हो रहे हैं। इन्हें ही भूसंचलन (Earth's movements) कहते हैं। ये संचलन, धरती को अपरूपित (deform) करते हैं। भूसंचलन के निम्नलिखित कारक हैं-

  • 1. धरती के गर्भ में स्थित रेडियोसक्रिय तत्वों द्वारा उत्पन्न ऊष्मा
  • 2. विवर्तन (tectogenesis) के कारण भूपट्टों (crustal plates) की गति
  • 3. धरती के घूर्णन द्वारा उत्पन्न बल
  • 4. जलवायवीय कारक जैसे पवन, दाब क्षेत्र (pressure belts), अवसादन (precipitation) आदि
  • 5. समस्थिति (Isostacy)
  • भूसंचलन
  • अन्तर्जात (Endogenetic forces]
  • पटलविरूपण (diastrophism)
  • आकस्मिक (sudden)
  • बहिर्जात (Exogenetic)

इन्हें भी देखें

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