भोज राज
भोजराज सिंह सिसोदिया (1495–1526) पश्चिमी भारत में मेवाड़ के शासक राणा साँगा के सबसे बड़े पुत्र थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ भक्ति कवि-संत मीराबाई के पति के रूप में जाना जाता है।[1]
भोज राज | |
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जन्म | 1495 |
निधन | 1526 |
जीवनसंगी | मीराबाई |
घराना | सिसोदिया |
पिता | राणा सांगा |
माता | कंवरबाई |
धर्म | हिन्दू |
जीवनी
संपादित करेंभोजराज सिंह का जन्म मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह प्रथम (राणा साँगा) के घर हुआ था, वो सात पुत्रों में से सबसे बड़े थे। इस प्रकार वह मेवाड़ के सिंहासन के उत्तराधिकारी थे, लेकिन उनकी वारिस पुरुष के बिना मृत्यु हो गई और वे कभी उत्तराधिकार के रूप में गद्दी पर नहीं बैठ पाये। उनके पिता राजपूतों के सिसोदिया वंश के प्रमुख थे। उनकी मां कंवर बाई का जन्म राजपूतों के सोलंकी वंश में हुआ था और वे राणा सांगा की पत्नियों में सबसे वरिष्ठ थीं।
समकालीन परंपरा के अनुसार, भोजराज और उनकी पत्नी दोनों अपनी किशोरावस्था में रहे होंगे, जब उनकी शादी 1516 में मनाई गई थी। उनकी पत्नी मीराबाई [2] पड़ोसी राज्य मारवाड़ के एक सामंती एस्टेट मेड़ता के कुलीन परिवार से थीं। वह राजपूतों के राठौड़ वंश का थीं।
1526 में एक युद्ध के दौरान भोजराज की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु का मीराबाई के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा, क्योंकि उन्होंने अपने एक मित्र को खो दिया था, जिसने उन्हें दुनियादारी के मामलों में दसवें स्थान पर रखा था; और एक संरक्षक जिसने उसकी सनकीपन को भोगते हुए परिवार के भीतर आलोचना और फटकार से बचाया था।
भोजराज की कोई संतान नहीं थी और उनके छोटे भाई रतन सिंह द्वितीय द्वारा मेवाड़ के उत्तराधिकारी के रूप में गद्दी पर बैठे।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Genealogy of the royal family of Udaipur (Mewar).
- ↑ Bly, Robert; ai, M. ir ab; Hirshfield, Jane (2004). Mirabai: Ecstatic Poems (अंग्रेज़ी में). Beacon Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8070-6386-6. अभिगमन तिथि 31 दिसम्बर 2020.