मंगल हिन्दी (देवनागरी लिपि) के लिये एक ओपनटाइप यूनिकोड फॉण्ट है जो कि विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट है। यह यूजर इंटरफेस फॉण्ट के तौर पर डिजाइन किया गया है।

यह विंडोज़ ऍक्सपी तथा इसके उत्तरोत्तर संस्करणों (विंडोज़ विस्ता, विंडोज़ ७ आदि) में इण्डिक टैक्स्ट के वैकल्पिक समर्थन हेतु उपलब्ध करवाया गया है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली सभी भाषाओं जैसे हिन्दी, मराठी, नेपाली तथा संस्कृत हेतु विंडोज़ का डिफॉल्ट फॉण्ट है। यह माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के द्वारा विकसित तथा मैण्टेन किया जाता है।[1] यह माइक्रोसॉफ्ट हेतु प्रो॰ रघुनाथकृष्ण जोशी द्वारा विकसित किया गया था। यद्यपि यह विण्डोज के लिए बनाया गया था तथापि तकनीकी रूप से इसका उपयोग अन्य़ प्रचानल तन्त्रों में भी किया जा सकता है, परन्तु यह वितरण के लिए मुफ्त उपलब्ध नहीं है।

मंगल स्क्रीन रीडिंग के लिये बनाया गया है, इसमें छोटे फॉण्ट आकार में भी स्पष्ट पढ़ा जा सकता है परन्तु यह मुद्रण के कार्य हेतु उपयुक्त नहीं। मुद्रण में (विशेषकर बड़े फॉण्ट आकार में यह काफी असुन्दर लगता है)।

टाइपोग्राफिक संयुक्ताक्षरों के गलत प्रदर्शन सम्बंधी कमी संपादित करें

 
मंगल द्वारा ट् + ठ = ट्ठ संयुक्ताक्षर की गलत रैण्डरिंग (बायें) जिसकी तुलना ऍरियल यूनिकोड ऍमऍस (दायें) में इस संयुक्ताक्षर के सही प्रदर्शन से की गयी है।

मंगल टाइपोग्राफिक संयुक्ताक्षरों को सही तरीके से सम्भाल नहीं कर सकता जहाँ वर्ण दायें जोड़े जाते हों जैसे द, ड, ढ, ट तथा ठ के दायें जोड़े जाने वाले वर्ण जो कि ऍरियल यूनिकोड ऍमऍस जो कि माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के साथ आता है, के द्वारा ठीक से प्रदर्शित किये जाते हैं। इसी प्रकार जिन संयुक्ताक्षरों में वर्ण नीचे जोड़े जाते हों उन्हें भी ठीक से प्रदर्शित नहीं कर पाता, जैसे को क, ग तथा को च, ज के नीचे जोड़ा जाता है। इन सभी प्रकार के संयुक्ताक्षरों को संस्कृत २००३ नामक मुफ्त फॉण्ट द्वारा सही रूप से प्रदर्शित किया जा सकता है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Mangal 5.00". मूल से 15 मार्च 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अगस्त 2010.

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