मक्का (अनाज)

अनाजो का राजा
(मक्का पौधे से अनुप्रेषित)

मक्का (वानस्पतिक नाम : Zea maize) एक प्रमुख खाद्य फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है। इसे भुट्टे की शक्ल में भी खाया जाता है। मक्का की फसल में नर भाग पहले परिपक्व हो जााता है।

मक्का
विभिन्न रंग और आकार के दानों वाली मकई की सूखी (पकी) बालियाँ
भुट्टा सेंकते हुए
Zea maize 'Ottofile giallo Tortonese'
नेपालके पहाडी क्षेत्रमे मक्का भन्डारण


भारत मे 7 प्रकार के मक्का पाए जाते है-

पॉप कॉर्न (जिआ मेज ईवर्टा)

स्वीट कॉर्न (जिआ मेज सेकेराटा)

फ्लिंट कॉर्न (जिआ मेज ईन्डूराटा)

वैक्सि कॉर्न (जिआ मेज सेकेराटा)

पॉड कॉर्न (जिआ मेज ट्यूनीकाटा)

फ्लोर कॉर्न (जिआ मेज ईमाईलेशिया)

डेंट कॉर्न (जिआ मेज ईन्डेनटाटा)

भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर २७०० मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है। आज जब गेहूँ और धान मे उपज बढ़ाना कठिन होता जा रहा है, मक्का पैदावार के नये मानक प्रस्तुत कर रही है जो इस समय बढ्कर 5.98 तक पहुँच चुका है।

यह फसल भारत की भूमि पर १६०० ई० के अन्त में ही पैदा करना शुरू की गई और आज भारत संसार के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है। जितनी प्रकार की मक्का भारत में उत्पन्न की जाती है, शायद ही किसी अन्य देश में उतनी प्रकार की मक्का उत्पादित की जा रही है। हाँ यह बात और है कि भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व एक केवल खाद्यान्न की फसल के रूप मे जाना जाता है। सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है।

भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व कर्नाटक में सर्वाधिक उत्पादन होता है। परन्तु मक्का का महत्व जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरातझारखण्ड में भी काफी अधिक है।

बुआई का समय

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  • मार्च अप्रैल (जायद)
  • जून के आरम्भ में।
  • सितंबर - अक्टूबर

मक्का उत्पादन के लिए भौगोलिक कारक

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  • उत्पादक कटिबन्ध - उपोष्ष्ण कटिबन्ध
  • तापमान - २५ से ३० सें. ग्रे.
  • वर्षा - ६० से १२० सें. मी.
  • मिट्टी - चिकनी, दोम व कांप मिट्टी
  • खाद - नाइट्रोजन, सल्फेट आदि

मक्का उत्पादन का विश्व वितरण

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विश्व में मकई की औसत खपत (प्रति व्यक्ति): ██ 100 kg/वर्ष से अधिक ██ 50 से 99 kg/वर्ष ██ 19 से 49 kg/वर्ष ██ 6 से 18 kg/वर्ष ██ 5 kg/वर्ष से कम

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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