मणि एक अनमोल वस्तु होती है जिसमे एक सूक्ष्म शक्ति होती है। मणि का कोई एक निश्चित आकार नहीं होता। इसको दो मुख्य तरीके से विभक्त कर सकते हैं।

मणि

अनमोल और क़ीमती पत्थरों का समूह- दोनों अनकटा और पहलू सहित (शीर्ष बाएं से दक्षिणावर्त) हीरा, अनकटा सिंथेटिक नीलमणि, रूबी, अनकटा एमरल्ड, और एमेथिस्ट क्रिस्टल क्लस्टर।

- जैविक मणि - जो की किसीभी जीव से मिलता है। उदहारण स्वरूप : नागमणि, गजमणि, उल्लूक मणि, सुकरमणि, मोरमणि, कपिमणि आदि। जैविक मणि में उस जीव का सुक्ष्म तत्त्व होता है।

- प्राकृतिक मणि - ये मणि किसी जीव या जंतु से नहीं मिलता। प्रकृति में स्वतः ही प्राप्त होता है। इसका मूल स्रोत ढूँढना बहुत मुश्किल है। प्राकृतिक मणि में स्यमंतक मणि, मेघ मणि, कौस्तुभ मणि, पारस मणि आदि है।

मणि कोई हीरा, पन्ना, माणिक आदि पत्थर नहीं होती। मणि में छिपे हुए सूक्ष्म शक्ति ही उसकी पहचान है, जिसको परखना इतना सहज नहीं। मणि से सूक्ष्म शक्ति को निकाला भी जा सकता है और वापस रोपण भी किया जा सकता है।

जैविक मणि में नाग मणि, गज मणि, उल्लूक मणि, सुकर मणि प्रमुख हैं।

प्राकृतिक मणि में स्यमंतक मणि, मेघ मणि, कौस्तुभ मणि, पारस मणि प्रमुख हैं।

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