मणिक प्रभु

छतरपुर जिले की शान

माणिक प्रभु १९वीं शताब्दी के आरम्भिक काल के एक हिन्दू सन्त, कवि और दार्शनिक थे।[2] दत्तात्रेय सम्प्रादाय के लोग उन्हें दत्तात्रेय का अवतार मानते हैं।

माणिक प्रभु महाराज
जन्म 1817[1]
Ladwanti, Basavakalyan
मृत्यु 1865 (आयु 47–48)
माणिक नगर, कर्नाटक, भारत
धर्म हिन्दू
दर्शन अद्वैत वेदान्त
राष्ट्रीयता Indian

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bhawuk, Dharm (2011). Spirituality and Indian Psychology: Lessons from the Bhagavad-Gita. Springer. पृ॰ 27. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1441981101.
  2. History and legend in Hyderabad. Department of Information and Public Relations, Hyderabad (India). 1953. पृ॰ 36.

इन्हें भी देखें संपादित करें

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