मधु कांकरिया
मधु कांकरिया हिन्दी साहित्य की प्रतिष्ठित लेखिका हैं। मधु जी के लेखन का मुख्य क्षेत्र गद्य है। मधु जी के उपन्यास और कहानियॉं बहुचर्चित हैं। कथेतर के क्षेत्र में मधु जी बहुत सुन्दर यात्रा-वृत्त लिखे हैं। इनकी रचनाओं में विचार और संवेदना की नवीनता तथा समाज में व्याप्त अनेक ज्वलंत समस्याऍं जैसे संस्कृति, महानगर की घुटन और असुरक्षा के बीच युवाओं में बढ़ती नशे की आदत, लालबत्ती इलाकों की पीड़ा तथा नारी अभिव्यक्ति उनकी रचनाओं के विषय रहे हैं।[safa 1][1]
मधु कांकरिया | |
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जन्म | 23मार्च, 1957 कोलकाता |
पेशा | लेखक, कथाकार व उपन्यासकार |
भाषा | हिन्दी |
राष्ट्रीयता | भारत |
विधा | गद्य |
जीवन वृत्त
संपादित करेंमधु कांकरिया का जन्म 23 मार्च, 1957 को कोलकाता में हुआ। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र (आनर्स) में एम° ए° की शिक्षा प्राप्त की तथा कोलकाता से ही कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा किया।
रचनाऐं
संपादित करेंकहानी संग्रह
संपादित करें- चिड़िया ऐसे मरती है
- काली चील
- फाइल
- उसे बुद्ध ने काटा
- अंतहीन मरुस्थल
- और अंत में यीशु
- बीतते हुए
- भरी दोपहरी के अँधेरे
उपन्यास
संपादित करें- खुले गगन के लाल सितारे
- सूखते चिनार
- सलाम आखिरी
- पत्ताखोर
- सेज पर संस्कृत
- हम यहाँ थे
यात्रा वृतान्त
संपादित करें- बुद्ध
- बारूद और पहाड़
- शहर शहर जादू
- बंजारा मन और बंदिशे
- साना साना हाथ जोड़ी
टेलीफिल्म
संपादित करें- रहना नहीं देश वीराना है (प्रसार भारती द्वारा 2008 में)
सम्मान
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "मधु कांकरिया का जन्म सन् 1957 में कोलकाता में हुआ।". हिन्दी आर्टिकलडॉटकॉम. मूल से 7 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 06 फरवरी, 2018.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "लेखक मधु कांकरिया का व्यक्तित्व MADHU KAMKARIYA". www.hindisamay.com. अभिगमन तिथि 2020-12-11.
- ↑ "उपन्यासकार मधु कांकरिया को उपन्यास 'हम यहां थे' के लिए 2021 का बिहारी पुरस्कार". अमर उजाला. 2022. अभिगमन तिथि 16 अक्टूबर 2022.
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "कथाक्रम सम्मान 2008, हेमचंद्र साहित्य सम्मान". हिन्दी का रचना संसार. मूल से 31 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 06 फरवरी, 2018.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)