मधु सिंह (राजा)
मधु कर्ण शाह, जिन्हें मधु सिंह के नाम से भी जाना जाता है; 16वीं शताब्दी में एक नागवंशी राजा थे। उनकी राजधानी खुखरागढ़ में थी।
मधु कर्ण शाह | |
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राजा | |
शासनावधि | c.1584 - 1599 |
पूर्ववर्ती | सिन्धु कर्ण |
उत्तरवर्ती | बैरी साल |
घराना | नागवंशी राजवंश |
मुग़ल उन्हें मधु सिंह के नाम से जानते थे। 1585 में, उनके शासनकाल के दौरान अकबर के सेनापति शाहबाज़ खान कम्बोह ने खुखरागढ़ पर आक्रमण किया। उन्हें मुग़ल दरबार में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा और अपनी शारीरिक शक्ति और मुगल शासन के प्रति विनम्रता का सफल प्रदर्शन करके अपनी स्वतंत्रता सुरक्षित कर ली। 1591 में, उन्होंने ओडिशा के कुतलुग खान लोहानी के खिलाफ मुग़ल अभियान में भाग लिया। खड़गपुर के संग्राम सिंह, गिद्धौर के पूरन मल, रूपनारायण सिसौदिया और अन्य लोग राजा मान सिंह के साथ शामिल हो गये। कश्मीर के पूर्व शासक यूसुफ शाह चक मधु सिंह और अन्य लोगों के साथ झारखण्ड के रास्ते ओडिशा में एक सेना का नेतृत्व किया। उन्होंने अफगानों को हरा दिया, और कुछ विद्रोहियों जैसे नसीब खान और जमाल खान, कतलू और जलाल खान खासखेल के पुत्रों को पकड़ लिया गया और अकबर को सौंप दिया गया।[1][2][3][4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "The Nagbanshis And The Cheros". archive.org.
- ↑ "Gumla City History-Importance-Origin-Architecture". hoparoundindia.com. मूल से 15 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2019.
- ↑ "The Lost Kingdom of Navratangarh". indianvagabond.com. मूल से 19 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2019.
- ↑ Ansari, Tahir Hussain (2019-06-20). Mughal Administration and the Zamindars of Bihar (अंग्रेज़ी में). Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-000-65152-2.