किसी वर्ण दिक में तृतीयक वर्ण (tertiary color) या मध्यवर्ती वर्ण (intermediate color) ऐसा रंग (वर्ण) होता है जिसे एक प्राथमिक वर्ण के पूर्ण घनीकरण को किसी अन्य प्राथमिक वर्ण के अर्ध घनीकरण से मिलाया जाता है। इसमें अन्य प्राथमिक वर्ण को नहीं मिलाया जाता।[1][2]

लाल-पीला-नीला वर्णचक्र में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक वर्ण (रंग)

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Stan Place and Bobbi Ray Madry (1990). The Art and Science of Professional Makeup. Thomson Delmar Learning. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-87350-361-9.
  2. Josef Albers (1963). Interaction of Color. Yale University Press. ISBN 0-300-01846-0.