मनिहार

ये कबीला पठानों की एक जंगी कबीला हुआ करती थी, हिन्द में आने के बाद कारोबार में शामिल हो गई

मनिहार हिन्दुस्तान में पायी जाने वाली एक मुस्लिम बिरादरी की जाति है। इस जाति के लोगों का मुख्य पेशा वयवसाय करना है। इसलिये इन्हें मुस्लिम सवर्ण भी कहा जाता है। मुख्यतः यह जाति उत्तरी भारत और पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में पायी जाती है। यूँ तो नेपाल की तराई क्षेत्र में भी मनिहारों के वंशज मिलते हैं।

उत्पत्ति का इतिहास

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इस जाति की उत्पत्ति के विषय में दो सिद्धान्त हैं एक भारतीय, दूसरा मध्य एशियाई। भारतीय सिद्धान्त के अनुसार ये मूलत: राजपूत थे जो सत्ता को त्त्याग कर मुसलमान बने। इसका प्रमाण यह है कि इनकी उपजातियों क़े नाम राजपूत उपजातियों से काफी कुछ मिलते हैं जैसे-भट्टी, सोलंकी, चौहान, बैसवारा, आदि।इसीलिये इनके रीति रिवाज़ हिन्दुओं से मिलते हैं दूसरी ओर मध्य एशियाई सिद्धान्त के अनुसार ये वो लोग है जिनका गजनी में शासकों के यहाँ वाणिज्यिक काम करना था 1000 ई० में महमूद गज़नवी क़े साथ भारत आये और फिरोजाबाद के आस-पास बस गये।

उप जातियाँ

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(1) शेख़, (2) इसहानी, (3) पठान, (4) लोहानी, (5) शेख़ावत, (6) ग़ोरी, (7) कसाउली, (8) भनोट, (9) चौहान, (10) पाण्ड्या, (11) मुग़ल, (12) सैय्यद, (13) खोखर, (14) बैसवारा, (15) राठी, (16) मनिहार, (17) अली, (18) कोतवाल, (19) मीर साहब, (20) पचौरी, (21) सौनवर्स, (22) मल्ल पछाड़।