मरीना बीच दक्षिण भारत का चेन्नैमहानगर में एक बीच है। ये बीच विश्व के सबसे लम्बे तट (बीच) में से एक है। यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा समुद्र तटो में गिना जाता है। मरीना बीच भारत के बंगाल की खाड़ी के साथ चेन्नई, तमिलनाडु में एक प्राकृतिक शमरी समुद्र तट रहा हैै। यह तट 13 किमी. रेतीली नदी दक्षिण के वाइस नगर से उत्तर में फोर्ट सेंट जॉर्ज तक फैैला हुआ हैै।[1] मरीना तट मुख्य रुप से रेपीली, चट्टनों संरचनाओं के विपरित रेतीला है जो मुंबई के जुहू समुद्र तट को दर्शता है। समुद्र तट की औसत चौड़ाई 300 मी. (980 फीट) जबकि पश्चमि चौड़ाई 437 मी. (1,434) फीट है। मरीना बीच के खतारों को देखते हुए स्नान तथा तैराकी पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह देश के उन सबसे भीड़भाड़ वाले समुद्र तटों में आते है जहां सप्तााह में 3,000 और छुट्टियों के दिनों लगभग 50.000 के करीब दर्शनार्थि आकर्षण के केन्द्र होते है। यहाँ गर्मियों के महिनों फ़रवरी, नंम्बर में बिशेष रुप से 15.000 से 20,000 दर्शनार्थि को आकर्षित करते है।[2]
16 वी. शताब्दी से पहले, समुंद्र के स्तर में वृद्धि के फलस्वरूप भूमि जलग्रहण के अनेक घटनाएँ होती थी। लेकिन वहाँ समुद्र पीछे हटने से कई लकीरें और लैगून बन गये। 1880 केे दर्शक में वहाँ के गर्वनर माउंटस्टाट एल्फिंस्टन ग्रांट डफ द्वारा चेन्नई में मरीना बीच का नवीनीकरण किया गया था।[3]
मरीना समुद्र तट अपनी प्राचीन सुंदरता हंसमुख वातावरण और समुद्र परिस्थिति तंत्र के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि 20 वी. शताब्दी के दौरान समुद्र तट और पानी प्रदुर्शित हो गाया था। जिसके फलस्वरुप प्लास्टिक बैंग, मानव अपशिष्ट और अन्य प्रदूषनों के प्रसार ने समुद्र तट के कई हिस्सों को अनुपयोगी बना दिया। हाल के वर्षों में, अनेक स्वैच्छिक संगठनों ने मरीना तट को सुरक्षित रखने और परिस्थिति तंत्र की रक्षा के रखरखाव का कार्य अपने ऊपर लिया। इन बिशेष प्रयासों में समुद्र तट के नीलांकाई खड़ के साथ जैतून की कछुए के घोसले आदि शामिल है।
मरीना बीच चेन्नई शहर के उन चुनिदा स्थलों में आते जहाँ शहर के लोग गर्मियों , छुट्टियों के दिनों थकान भरी सुबह और शाम मनोरंजन के साथ ही सुख-शांति, शीतला प्रदान करती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान समुद्र तटों पर टहलना लोगों को एक सुखदद का अनुभव करते है। यहाँँ कलाकृतियाँ, दस्तकारी, खाद पदार्थों की बिक्री, बच्चों के खेल का मैदान विशेष आकर्षण का केन्द्र रहता है। इसके साथ यहाँ पतंगबाजी, क्रिकेट खेल आमतौर पर खेले जाते है। यहाँ टट्टू, घोड़े की सवारी , मेरी-गो-राउंड, मिनी विशालकाय पहिए आमोद-प्रमोद के साधन है। श्रमिकों की विजय और महात्मा गाँधी समुद्र तट की दो प्रमुख मूर्तियाँ है। इसके अलवा तमिल संस्कृति, विद्वान,और देशभक्त से जुड़े स्वामी शिवानंद, सर थॉमस मुनरो, प्रथम बैरोनेट , सुब्रमण्य भरथियार, रॉवर्ट कैल्डवेल, मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन, शिवाजी गणेशन आदि मूर्तियाँ शामिल है।[4]
एनी बेसेंट की प्रतिमा
अववयर की प्रतिमा
भारतीदासन की प्रतिमा
जार्ज उलोग पोप की प्रतिमा
इलंगो आदिगल की मूर्ति
महात्मा गांधी की प्रतिमा
सुबाष चंद्र बोस की प्रतिमा
रॉबर्ट कैल्डवेल की मूर्ति
विवेकानंद की मूर्ति
श्रम मूर्ति की विजय
तिरुवल्लुवर की मूर्ति
कामराज की मूर्ति
स्वतंत्रता स्मारक स्तंभ की स्वर्ण जयंती
समुद्र तट के सामने कई शानदार लैंडमार्क जिनमें मद्रास विश्वविद्यालय, सरकारी विभाग, सीनेट हाउस, प्रेसीडेंसी कॉलेज, क्रिकेट स्टेडियम, स्वामी विवेकानंद में मेमोरियल हाउस और ऑल इंडिया रेडियों आदि शामिल है। यहाँ मरिना और अन्ना दो स्वियिंग पूल है जिसका आकार ओलांपिक पूल के समान 100 मी. लम्बी, 34 मीटर चौड़ी और 3.5 मीटर गहरी बनाई गयी है। चेन्नई निगम के द्वारा 2008 में अनेक योजना लायी गयी। इनमें समुद्र तट के रात्रि दृश्य के रंगीन रोशनी 100 फीट की ऊँचाई पर दो फ्लोटिंग फव्वाारा समुद्र तट से दुर स्थापित करने की योजना भी शामिल थी।[5]
मरीना बीच (चेन्नई शहर) के तीनों मार्गों से विस्तृत रुप से जुड़ा हुआ है। चेन्नई का अन्ना इंटरनेशनल हवाई अड्डा सबसे नजदीकी और सुविधाजनक है। यहाँ से ट्रेक्शी के द्वारा 45 मीनट में मरीना तट पहुँचा जा सकता है। इसके अलावा निकटतम रेलवे स्ट्रेशन चेपक, थिरुनल्लिकेनी और लाइटहाउस है। इसके साथ ही अनेक निजी कार, टैक्शियों की उपल्बद्धता है।[6]
↑"Marina Beach Travel and Tourism Guide". India News, Breaking News, Entertainment News | India.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मई 2020.