मरू धर म्हारो घर
मरूधर म्हारो घर राजस्थानी फिल्म अब तक की सर्वाधिक बजट वाली राजस्थानी फिल्म है। जी टीवी के शो सारेगामापा से अपनी दमदार गायकी का परचम लहराने के बाद बॉलीवुड में एक स्थापित गायक के रूप में कार्य करने वाले बीकानेर के राजा हसन को सदैव यह खलता रहा है कि राजस्थान में फिल्मों का स्तर उस तरह का नहीं जैसा कि अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों का है। यही बात सदैव खटकती रही और गायन के साथ साथ एक बार अपना रूख मोडा है राजस्थानी सिनेमा की ओर। इसी क्रम में राजस्थानी फिल्म मरूधर म्हारो घर की कल्पना की है राजा हसन ने। राजा के पिता रफीक सागर इस फिल्म के निर्माता है तो गीत, संगीत, गायन और मुख्य नायक का किरदार निभाया है स्वयं राजा हसन ने। फिल्म की कहानी भी रची है स्वयं राजा हसन ने। मुशाहिद पाशा और तौकीर आलम ने राजा की कल्पना के अनुसार राजस्थान और राजस्थानी संस्कृति का पहले खूब अध्ययन किया और बाद में एक ऐसी पटकथा रचने में कामयाब रहे जैसा कि राजा हसन चाहते थे। फिल्म मनोरंजन के साथ साथ एक ज्वलन्त मुद्धा उठाने में भी सहायक सिद्ध होगी और वह है कईं आंदोलन करने के बावजूद अब तक राजस्थानी भाषा को कोई मान्यता नहीं मिलना और इसी तर्ज पर फिल्म की कहानी भी राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर इसके इर्द गिर्द रची बसी है। फिल्म की मुख्य नायिका कतरीना, जो कि एक सर्बियन हीरोईन है, पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर दिखाई देगी और कहानी की मांग के अनुसार फिल्म में यह विदेशी किरदार एक विदेशी लडकी से ही करवाया गया है ताकि फिल्म की सार्थकता और अधिक प्रभावित करे। फिल्म राजस्थान के प्रमुख सिनेमाघरों में 26 सितम्बर, 2014 से प्रदर्शित होगी।
मरुधर म्हारो घर | |
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Theatrical release poster | |
निर्देशक | नीलेश मालेकर |
पटकथा | मुशाहिद पाशा, तौकीर आलम |
निर्माता | रफीक सागर |
अभिनेता | राजा हसन कतरीना काजकुस, सुरेन्द्र पाल, अमर शर्मा, युद्धिष्ठर सिंह भाटी, प्रमोद सैनी, खयाली, राजबीर सिंह, रोहित टाडा, दीपक पारीक, कमलेश व्यास, शर्मिला गोयन्का, पूर्णिमा वर्मा, उदय व्यास, प्रमोद मारू, दीपक अरोडा। |
संपादक | धर्म सोनी |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
177 minutes |
देश | India |
भाषा | राजस्थानी |
संक्षिप्त कथासार
संपादित करेंजैनी (कतरीना), जिसके पूर्वज राजस्थान से सम्बन्ध रखतें हैं और वर्तमान में विदेश में बस गए हैं, वो राजस्थान पर रिसर्च करने के लिए यहां आती है और यहीं से आरम्भ होता है फिल्म की कहानी का प्रारम्भ। नायक राजा (राजा हसन) एक गाईड है जो कि अपने आप में ही मस्त रहने वाला एक खिलंदड लडका है, मजाकिया इंसान है और कभी भी गंभीर नहीं रहता। कमाई करने से ज्यादा उसे मजा आता है अपने क्लाईंट को राजस्थान के बारे में संतोषप्रद जवाब देना। इसी के चलते कईं बार वह झूठमूठ राजस्थान की प्रशंसा करने से भी नहीं चूकता। फिल्म का विलेन भैंरो (युद्धिष्ठिर सिंह भाटी) भी एक गाईड ही है और विदेश से आने वाले सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गाईड में जो प्रतिस्पर्द्धा रहती है उसी के तहत जैनी को भी वह अपना क्लाईंट बनाने के लिए बहुत प्रयास करता है, उसे काफी परेशानियों में भी डालता है परन्तु राजा का खिलंदड अंदाज जैनी को उस की ओर आकर्षित करने लगता है। फिल्म में यहां से एक हल्की लव स्टोरी भी आरम्भ हो जाती है परन्तु इसके साथ साथ भैंरों के सहायक खयाली, राजबीरसिंह (लगदू) और रोहित टाडा अपनी कॉमेडी से दर्शकों को भरपूर मनोरंजन करते हैं। राजा जब भी मुसीबत में होता है तो उसकी मदद करने में उसका दोस्त (प्रमोद सैनी) सदैव तत्पर रहता है। फिल्म की पटकथा में चुंकि राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर भी प्रश्न खडा किया गया है अत: इस हेतु फिल्म में नेता, प्रोफेसर (सुरेन्द्र पाल), पुलिस ऑफिसर (अमर शर्मा) भी मौजूद है जो कि नेशनल चैनल पर प्रतिस्थापित कलाकार है। इसी तरह दीपक पारीक की भी विशेष भूमिका है। राजा के पिता के रूप में कमलेश व्यास और माँ के रूप में शर्मिला गोयनका है तो बहिन के किरदार में पूर्णिमा शर्मा, जो कि सभी बहुत अर्से से थियेटर से जुडे कलाकार है। प्रमोद मारू, दीपक अरोडा, उदय व्यास जैसे कईं और थियेटर कलाकार भी फिल्म में भूमिका कर रहें हैं।
विशेषता
संपादित करेंफिल्म बेहतरीन तकनीक और विशेषज्ञों की टीम से निर्मित है जो कि इस फिल्म की विशेष बात है। दर्शकों को यह एक ऐसी राजस्थानी फिल्म लगेगी जिससे कि उन्हें यह अहसास होगा कि राजस्थानी सिनेमा का एक नया स्वरूप उभरा है। फिल्म के निर्देशक नीलेश मालकर अब तक बहुत सारी प्रादेशिक और तकनीकी रूप से सुद्रढ फिल्मों का निर्देशन कर चुकें हैं वहीं कैमरा मैन अभिजीत गोगोई कईं बडी और सुपरहिट हिन्दी फिल्मों में सहायक कैमरामैन का कार्य कर चुकें हैं। पहली बार किसी राजस्थानी फिल्म में रेड ऐपिक कैमरा का प्रयोग किया गया है जो कि बॉलीवुड की फिल्मों में किया जाता है। एक्जूकेटिव प्रोड्यूसर है तनवीर आलम। फाईट मास्टर राजेन्द्र वर्मा ने मारधाड के द्रश्यों में पूरी जान डालने की कोशिश की है और सभी आधुनिक तकनीकों का सहारा लेकर ऐसा प्रयास किया है कि कहीं भी यह फिल्म दर्शकों को अरूचिकर नहीं लगे। फिल्म में कॉस्ट्यूम डिजाईनर के रूप में गीत सिंह ने राजस्थानी और वर्तमान परिवेश का अच्छा मिश्रण किया है।
प्रोडक्शन/संगीत/बॉलीवुड सितारों का साथ
संपादित करेंरास मोशन पिक्चर्स और बीकाजी ग्रुप के बैनर तले बनी इस फिल्म का म्यूजिक रिलीज कॉमेडी किंग कपिल शर्मा ने मुम्बई में एक भव्य समारोह में किया जिसमें बॉलीवुड की बडी बडी हस्तियाँ मौजूद थी। इससे पूर्व कपिल शर्मा के शो 'कॉमेडी नाईट्स विद कपिल' में भी इस फिल्म का प्रोमोशन किया गया था। फिल्म का प्रोमो देखकर नवजोतसिंह सिद्धू, कपिल शर्मा, शंकर महादेवन, शान, विशाल शेखर, शान्तनु मोईत्रो, तोषी-सारिब, अभिजीत सावन्त एवं रवि किशन जैसे कईं बॉलीवुड एवं अन्य क्षेत्र के सितारों ने इसे राजा हसन का एक बहुत ही दमदार प्रयास बताया है। फिल्म का संगीत राजस्थानी फिल्मों के हिसाब से पूर्णरूप से नया है। फिल्म में सभी तरह के दर्शकों को ध्यान में रखकर गीत रखें गऐं हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म राजस्थानी फिल्मों को पुनर्जीवित करने के प्रयास में राजा हसन का एक सार्थक कदम है।
गीत
संपादित करेंगीत | गायक |
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आंख्यां...गोरी थारी आंख्यां' | राजा हसन |
थारे दिल में रेण दे | राजा हसन |
थारे दिल में रेण दे (Sad Version) | सुनिधि चौहान |
बना थारी मीठी मीठी | राजा हसन, प्रज्ञा सोढानी |
ढीली ढीली पेन्ट्या पेरे | राजा हसन |
मरूधर है मारो घर (टाईटल गीत ) | शंकर महादेवन, रूप कुमार राठौड, रविन्द्र उपाध्याय, राजा हसन, स्वरूप खान |