महंत पूर्णनाथ नाथ पंथ संवत् 1963 से सन् 1939 में पांचवें स्थान में महंत बने थे। अस्थल बोहर स्थान पर बाबा मस्तनाथ ने घोर तपस्या की और इसका जीर्णोद्धार करके ‘अस्थल बोहर मठ’ की स्थापना की।[1][2]

मठ के अभी तक के महंत

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2019.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2019.