महसी, बहराइच
महसी (Mahsi) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]
महसी Mahsi | |
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निर्देशांक: 27°38′24″N 81°23′06″E / 27.640°N 81.385°Eनिर्देशांक: 27°38′24″N 81°23′06″E / 27.640°N 81.385°E | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
मंडल | देवीपाटन |
ज़िला | बहराइच ज़िला |
तहसील | महसी |
थाना | हरदी |
शासन | |
• प्रणाली | लोकतांत्रिक |
• सभा | ग्राम पंचायत |
• ग्राम प्रधान | सुधारा देवी (निर्दलीय) |
• बीडीसी | रमेश |
• ब्लाॅक प्रमुख | कुशवाहा |
• विधायक | सुरेश्वर सिंह |
• सांसद | अक्षयबर लाल |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 951 किमी2 (367 वर्गमील) |
ऊँचाई | 138 मी (453 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 8,987 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 271824 |
दूरभाष कोड | 05252 |
तहसील
संपादित करेंमहसी एक तहसील और सामुदायिक विकास खंड एवं उत्तर प्रदेश का विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 235 गांव हैं।तहसील मुख्यालय,महसी गाँव से लगभग 5 कि.मी.पहले ही बहराइच-महसी सम्पर्क मार्ग पर महराजगंज नामक कस्बे के पास ही स्थित है। तहसील महसी के अन्तर्गत आने वाले मुख्य और बड़ी आबादी वाले कुछ गाँवों के नाम इस प्रकार हैं: महसी, महराजगंज, तजवापुर रेहुवा मंसूर, सिपहिया प्यूली, रायपुर थैलिया, मकरंदपुर, बेहड़ा, नौतला, रामगाँव, परसोहना, सिकन्दरपुर, नथुवापुर, हरदी-गौरा, गदामार कलां, मथौरा, रमपुरवा, ऐरिया, वैकुण्ठा, बम्भौरी, भगवानपुर, मुरौवा-मुन्सारी, बभनौटी, कायमपुर गोलागंज, गोपचन्दपुर, नौशहरा, लाखा बौण्डी, सधुवापुर, चाँदपारा, मासाडीह, बहोरिकपुर, बकैना, गरेठी, बनगांव, कपूरपुर, खम्हरिया शुकुल, बालासराय, खर्चहा, खसहाकुट्टी, सुरजना, खैरा बाज़ार, चक, रामगढ़ी, आदि।
विवरण
संपादित करेंतहसील महसी के दक्षिण-पश्चिम में घाघरा नदी बहती है, जिसके ऊपर बाँध बँधा है जो जरवल कस्बे से शुरू होकर नानपारा के समीप जाकर समाप्त होता है। इस नदी से नहरें व रजवाहे भी निकाले गए हैं जिनसे बहुत से गाँवों की भूमि सिंचित होती है। कृषि की भूमि बहुत उपजाऊ है। अन्न, फल, साग, सब्जी, के अलावा गन्ने की भी अच्छी पैदावार होती है। नेपाल की तराई होने की वजह से यहाँ पानी 50-60 फुट की बोरिंग कराने से ही पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। सड़कों पर सरकार बहुत ध्यान दे रही है जिससे यातायात में सुधार हो और तहसील में व्यापार को बढ़ावा मिल सके। पशुओं में लोग दुधारू पशु अधिक पालते हैं, बैल, भैंसा अब कोई कोई ही रखते हैं।बिजली भी हर छोटे बड़े गाँव तक धीरे पहुँच रही है। आबादी की दृष्टि से यहाँ हिन्दू और मुसलमानों की संख्या में थोड़ा ही आनुपातिक अन्तर है। इस प्रकार तहसील महसी विकास के पथ पर अग्रसर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन प्रशासन,हरीतिमा संवर्द्धन, पर्यावरण, कुप्रथा कुरीति उन्मूलन, नशा निवारण, जाति पाँति, छुआछूत,बैर विद्वेष, साक्षरता, आदि के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन के लिए भी प्रयास है कि तत्काल सहायता पीड़ित को मुहैया कराई जाए।
जनसांख्यिकी
संपादित करें2011 की जनगणना के अनुसार महसी तहसील में धर्म के आधार पर जनसंख्या प्रतिशत।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975