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(जनवरी 2017) |
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महसी एक तहसील और ब्लाॅक एवं उत्तर प्रदेश का विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है। जोकि बहराइच जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 235 गांव हैं।तहसील मुख्यालय,महसी गाँव से लगभग 5 कि.मी.पहले ही बहराइच-महसी सम्पर्क मार्ग पर महराजगंज नामक कस्बे के पास ही स्थित है। तहसील महसी के अन्तर्गत आने वाले मुख्य और बड़ी आबादी वाले कुछ गाँवों के नाम इस प्रकार हैं। महसी, महराजगंज, तजवापुर रेहुवा मंसूर,
सिपहिया प्यूली, रायपुर थैलिया, bansgadhi,
मकरंदपुर,बेहड़ा,नौतला, रामगाँव,परसोहना,सिकन्दरपुर,नथुवापुर,हरदी-गौरा,गदामार कलां,मथौरा,रमपुरवा,ऐरिया,वैकुण्ठा,बम्भौरी,भगवानपुर, मुरौवा-मुन्सारी,बभनौटी,कायमपुर गोलागंज, गोपचन्दपुर,नौशहरा, लाखा बौण्डी, सधुवापुर,चाँदपारा,मासाडीह,बहोरिकपुर,बकैना,गरेठी,बनगांव, कपूरपुर,खम्हरिया शुकुल, बालासराय,ख़र्चहा, खसहाकुट्टी, सुरजना,खैरा बाज़ार, चक, रामगढ़ी, आदि। [1][2]
1)बहराइच (2)नानपारा (3)कैसरगंज (4)महसी (5)पयागपुर (6)मिहींपुरवा.
तहसील महसी के दक्षिण-पश्चिम में घाघरा नदी बहती है, जिसके ऊपर बाँध बँधा है जो जरवल कस्बे से शुरू होकर नानपारा के क़रीब जाकर समाप्त होता है। इस नदी से नहरें व रजवाहे भी निकाले गए हैं जिनसे बहुत से गाँवों की भूमि सिंचित होती है। कृषि की भूमि बहुत उपजाऊ है।अन्न, फल,साग,सब्जी, के अलावा गन्ने की भी अच्छी पैदावार यहाँ होती है। नेपाल की तराई होने की वजह से यहाँ पानी 50-60 फुट की बोरिंग कराने से ही पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। सड़कों पर सरकार बहुत ध्यान दे रही है जिससे यातायात में सुधार हो और तहसील में व्यापार को बढ़ावा मिल सके। पशुओं में लोग दुधारू पशु अधिक पालते हैं, बैल, भैंसा अब कोई कोई ही रखते हैं।बिजली भी हर छोटे बड़े गाँव तक धीरे पहुँच रही है। आबादी की दृष्टि से यहाँ हिन्दू और मुसलमानों की संख्या में थोड़ा ही आनुपातिक अन्तर है। इस प्रकार तहसील महसी विकास के पथ पर अग्रसर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन प्रशासन,हरीतिमा संवर्द्धन, पर्यावरण, कुप्रथा कुरीति उन्मूलन, नशा निवारण, जाति पाँति, छुआछूत,बैर विद्वेष, साक्षरता, आदि के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन के लिए भी प्रयास है कि तत्काल सहायता पीड़ित को मुहैया कराई जाए।