महामस्तकाभिषेक
महामस्तकाभिषेक, दो शब्दों के मेल से बना है– महा और मस्तकाभिषेक जिसका अर्थ होता है, बड़े स्तर पर आयोजित होने वाला अभिषेक। सबसे प्रचलित महामस्तकाभिषेक गोमटेश्वर बाहुबली का होता है जो १२ वर्ष के अन्तराल पर दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के श्रवणबेलगोला शहर में आयोजित किया जाता है। यहाँ पर भगवान बाहुबली की १८ मी. उँची एकाश्म मूर्ति स्थापित है। अगला महामस्तकाभिषेक 2030 ई. में होगा।[1] यह अभिषेक जल, इक्षुरस, दुध, चावल का आटा, लाल चंदन, हल्दी, अष्टगंध, चंदन चुरा, चार कलश, केसर वृष्टि, आरती, सुगंधित कलश, महाशांतिधारा एवं महाअर्घ्य के साथ भगवान नेमिनाथ को समर्पित किया जाता है।[2]
महामस्तकाभिषेक | |
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महामस्तकाभिषेक-२००६ के दौरान गोमतेश्वर मूर्ति का निकट दृश्य | |
अनुयायी | जैन धर्म |
उद्देश्य | गोमतेश्वर बाहुबली |
समान पर्व | महावीर जयंती |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "महामस्तकाभिषेक क्या होता है ? पावरऑनपॉलिटिक्स". मूल से 12 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जुलाई 2012.
- ↑ डूंगरपुर रविवार को भगवान नेमिनाथ के महामस्तकाभिषेक के अभूतपुर्व अनुष्ठान की साक्षी[मृत कड़ियाँ]। लेक्स पैराडाइज़ पर
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंविकिमीडिया कॉमन्स पर गोमतेश्वर मूर्ति से सम्बन्धित मीडिया है। |
- Mahamasthakabhishek Bahubali Official Website
- BBC News Special: Interview and Photo Reportage
- Photographs of the Bahubali statue at Shravanbelagola