महाराजा उदित नारायण सिंह (१७७० - ४ अप्रैल १८३५), वाराणसी के राजघराने से काशी नरेश थे। इनका राज्यकाल १२ सितंबर १७९५ से ४ अप्रैल १८३५ तक रहा। ये महिप नारायण सिंह के ज्येष्ठतम जीवित पुत्र थे। इनका वाराणसी की संस्कृति में बड़ा योगदान रहा।[1]. इन्होंने रामनगर, वाराणसी की प्रसिद्ध रामलीला १८३० में आरंभ की, जो अब तक चली आ रही है और प्रत्येक वर्ष आयोजित होती है।[1][2][3].

इनकी मृत्यु १८३५ में होने पर राज्य इनके उत्तराधिकारी भतीजे ईश्वरी प्रसाद नारायण सिंह, जी.सी.एस.आई, कैसर-ए-हिन्द (१८२२-जून १८८९) को मिला था।

उत्तराधिकारीसंपादित करें

इन्हें भी देखेंसंपादित करें

सन्दर्भसंपादित करें

  1. Mitra, Swati (2002). Good Earth Varanasi city guide. Eicher Goodearth Limited. पृ॰ 126. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788187780045.
  2. Ramleela - Ramnagar Archived 2012-11-13 at the Wayback Machine Varanasi Official website.
  3. Ramlila: The Performance in Ramnagar Archived 2009-04-22 at the Wayback Machine University of North Texas.