महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था

भारत के महाराष्ट्र राज्य की अर्थव्यवस्था

भारत के महाराष्ट्र राज्य की अर्थव्यवस्था यह देश के राज्यों में सबसे बडी हैं।[1] महाराष्ट्र भारत का दूसरा सबसे अधिक औद्योगिक राज्य है जो राष्ट्रीय औद्योगिक उत्पादन में २०% का योगदान देता है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद में लगभग ४६% योगदान उद्योग द्वारा किया जाता है। महाराष्ट्र के कई शहरों में सॉफ्टवेयर पार्क हैं और यह ८०,००० करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक निर्यात के साथ सॉफ्टवेयर का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।[2]

महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 
भारत के महाराष्ट्र राज्य की अर्थव्यवस्था
स्थान महाराष्ट्र, हिंद
Street address
Original publication
economía de Maharashtra (es); マハーラーシュトラの経済 (ja); économie du Maharashtra (fr); ekonomi Maharashtra (id); економіка Махараштри (uk); economie van Maharashtra (nl); महाराष्ट्राची अर्थव्यवस्था (mr); ᱢᱚᱦᱟᱨᱟᱥᱴᱨᱚ ᱨᱮᱱᱟᱜ ᱠᱟᱹᱣᱰᱤ ᱟᱹᱨᱤ (sat); economia de Maharashtra (pt); economy of Maharashtra (en); gospodarstvo Maharaštre (sl); महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था (hi) economy of the state of India (en); अर्थव्यवस्था (mr); ᱥᱤᱧᱚᱛ ᱨᱮᱱᱟᱜ ᱯᱚᱱᱚᱛ ᱨᱮᱱᱟᱜ ᱠᱟᱹᱣᱰᱤ ᱟᱹᱨᱤ (sat); भारत के महाराष्ट्र राज्य की अर्थव्यवस्था (hi) maharaštrsko gospodarstvo, ekonomija Maharaštre, maharaštrska ekonomija (sl)
मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी और भारत का वित्तीय केंद्र है

यह राज्य अत्यधिक औद्योगीकृत है, तथापि राज्य के कई क्षेत्रों में कृषि मुख्य व्यवसाय बना हुआ है। २४.१४% कामकाजी उम्र की आबादी यह कृषि और संबद्ध गतिविधियों में कार्यरत है।[3]:18

मुंबई, महाराष्ट्र की राजधानी और अक्सर भारत के न्यूयॉर्क या भारत के मैनहट्टन के रूप में वर्णित है। यह भारत की वित्तीय राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, जिसकी २०११ में अनुमानित जनसंख्या १.२५ करोड़ थी।[4][5] यह शहर भारत का मनोरंजन, फैशन और वाणिज्यिक केंद्र है। मुंबई भारत के किसी भी शहर की सबसे बड़ी शहरी अर्थव्यवस्था की मेजबानी करता है। लगभग सभी प्रमुख बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और म्यूचुअल फंड के मुख्यालयों के साथ इसे भारत की वित्तीय राजधानी माना जाता है। भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, जो एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, भी इसी शहर में स्थित है।

आर्थिक इतिहास

संपादित करें

ब्रिटिश शासन से पहले, महाराष्ट्र क्षेत्र कई राजस्व प्रभागों में विभाजित था। परगना यह एक जिले के मध्ययुगीन समकक्ष था। परगना के प्रमुख को देशमुख कहा जाता था और अभिलेख रखने वालों को देशपांडे कहा जाता था।[6][7] सबसे कम प्रशासनिक इकाई गाँव था। मराठी क्षेत्रों में ग्राम समाज में पाटिल या गाँव के मुखिया, राजस्व कलेक्टर थे और गाँव के अभिलेख-रक्षक, कुलकर्णी शामिल थे। ये सब वंशानुगत पद थे।[8][9][10][11][12] १७०० के दशक में, महाराष्ट्र क्षेत्र के महत्वपूर्ण शहर थे मुंबई (अंग्रेजों के तहत ये व्यापारिक बंदरगाह था), पुणे (पेशवा शासन के तहत ये राजनीतिक और वित्तीय राजधानी थी), और नागपुर (भोसले शासन के तहत)।[13][14][15][16] उसकी पिछली शताब्दी में, औरंगाबाद ये मुगल काल में सबसे महत्वपूर्ण शहर था।

हालाँकि अंग्रेज मूल रूप से भारत को इंग्लैंड के कारखानों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति के लिए एक जगह मानते थे, १९ वीं शताब्दी के अंत तक मुंबई शहर में एक आधुनिक विनिर्माण उद्योग विकसित हो रहा था।[17] मुख्य उत्पाद कपास था और इन मिलों में कार्यबल का बड़ा हिस्सा पश्चिमी महाराष्ट्र से था, लेकिन विशेष रूप से तटीय कोंकण क्षेत्र से।[18][19][20][21] १८९६ में हैदराबाद शहर से मनमाड जंक्शन तक३९१ मील (६२९ किमी) की रेल लाइन के साथ हैदराबाद-गोदावरी घाटी रेलवे के पूरा होने से निजाम शासित मराठवाड़ा क्षेत्र को उद्योग के विकास के लिए खोल दिया गया। बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में, हैदराबाद राज्य के सबसे बड़े निर्यात के रूप में निजाम की हैदराबाद सरकार में कपास उद्योग का एक महत्वपूर्ण स्थान था। १८८९ में औरंगाबाद में एक सूती कताई मिल और एक बुनाई मिल स्थापित की गई थी, जिसमें कुल ७०० लोग कार्यरत थे। अकेले जालना में ९ कपास उत्पादन कारखाने और पांच कपास मुद्रणालय थे, और औरंगाबाद में दो उत्पादन उद्योग थे।[22][23]

वर्ष सकल घरेलू उत्पाद (दस लाख रुपये)
१९८० ₹ १६६,३१०
१९८५ ₹ २९६,१६०
१९९० ₹ ६४४,३३०
१९९५ ₹ १,५७८,१८०
२००० ₹ २,३८६,७२०
२००५ ₹ ३,७५९,१५०[24]
२०११ ₹ ९,०१३,३००
२०१४ ₹१६,८६६,९५०
२०१९ ₹२६,३२७,९२०[25]

महाराष्ट्र के गठन के बाद, राज्य सरकार ने १९६२ में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की स्थापना की।[26] सबसे बड़े औद्योगिक विकास वाले क्षेत्र पुणे महानगरीय क्षेत्र और मुंबई के करीब के क्षेत्र जैसे ठाणे जिला और रायगढ़ जिला थे।[27]

महाराष्ट्र आजादी के बाद कृषि सहकारी समिति के विकास में अग्रणी रहा। चीनी उत्पादक सहकारी समितियों को एक विशेष दर्जा दिया गया था और सरकार ने एक हितधारक और नियामक के रूप में कार्य करके एक संरक्षक की भूमिका निभाई। चीनी के अलावा, सहकारी समितियों ने डेयरी, कपास और उर्वरक उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।[28][29][30][31]राज्य सरकार के समर्थन से महाराष्ट्र में १९९० के दशक तक २५,००० से अधिक सहकारी समितियों की स्थापना की गई थी।[32]

१९८२ में वसंतदादा पाटिल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को उदार बनाया। इसके कारण राज्य में सैकड़ों निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थापित किए गए।[33][34]

१९९१ के आर्थिक उदारीकरण के बाद, महाराष्ट्र ने विदेशी पूंजी को आकर्षित करना शुरू कर दिया, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग उद्योगों में।[35]

 
मुंबई में सड़क मरम्मत करते मजदूर

२०१५ तक, राज्य में ५२.७% श्रमिक कृषि क्षेत्र में थे। इनमें से २५.४% किसान भूमि मालिक थे, जबकि २७.३% कृषि मजदूर थे।[36] राज्य में एक महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय और अंतःराज्यीय प्रवासी श्रमिक आबादी है। राज्य के बाहर के श्रमिक मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, और राजस्थान राज्यों से आते हैं। प्रवासी श्रमिक मुख्य रूप से राज्य के अधिक विकसित क्षेत्रों जैसे पश्चिमी महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और नासिक महानगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ औरंगाबाद और नागपुर क्षेत्रों में कुछ हद तक रोजगार पाते हैं।[37]

  1. "Archived copy" (PDF). मूल (PDF) से 16 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अगस्त 2017.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
  2. "Archived copy" (PDF). मूल (PDF) से 16 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जुलाई 2010.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
  3. S.S. Kalamkar (14 सितम्बर 2011). Agricultural Growth and Productivity in Maharashtra: Trends and Determinants. एलाइड पब्लिशर्स. पपृ॰ 18, 39, 64, 73. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8424-692-6.
  4. "Mumbai Is India's New York". NPR. अभिगमन तिथि 26 फ़रवरी 2024.
  5. "Provisional Population Totals, Census of India 2011; Cities having population 1 lakh and above" (PDF). भारत की जनगणना. मूल (PDF) से 7 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 मार्च 2012.
  6. Gordon, Stewart (1993). The Marathas 1600-1818 (1. publ. संस्करण). न्यूयॉर्क: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय. पपृ॰ 22, xiii. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0521268837.
  7. Ruth Vanita (2005). Gandhi's Tiger and Sita's Smile: Essays on Gender, Sexuality, and Culture - Google Books. Yoda Press, 2005. पृ॰ 316. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788190227254.
  8. Deshpande, Arvind M. (1987). John Briggs in Maharashtra: A Study of District Administration Under Early British rule. Delhi: Mittal. पपृ॰ 118–119. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780836422504.
  9. कुलकर्णी, ए आर (1964). "Social and Economic Position of Brahmins in Maharashtra in the Age of Shivaji". Proceedings of the Indian History Congress. 26: 66–75. JSTOR 44140322.
  10. कुलकर्णी, ए आर (2000). "The Mahar Watan: A Historical Perspective". प्रकाशित Kosambi, मीरा (संपा॰). Intersections: Socio-Cultural Trends in Maharashtra. लंदन: संगम. पपृ॰ 121–140. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0863118241. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2016.
  11. Sugandhe, Anand, and Vinod Sen. "SCHEDULED CASTES IN MAHARASHTRA: STRUGGLE AND HURDLES IN THEIR SOCIO-ECONOMIC DEVELOPMENT." Journal of Indian Research (ISSN: 2321-4155) 3.3 (2015): 53-64. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 4 जून 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2024.
  12. Fukazawa, H., 1972. Rural Servants in the 18th Century Maharashtrian Village—Demiurgic or Jajmani System?. Hitotsubashi journal of economics, 12(2), pp.14-40.
  13. Nilekani, Harish Damodaran (2008). India's new capitalists: caste, business, and industry in a modern nation. Houndmills, Basingstoke, Hampshire: Palgrave Macmillan. पृ॰ 50. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0230205079.
  14. Gangadhar Ramchandra Pathak, संपा॰ (1978). Gokhale Kulavruttanta गोखले कुलवृत्तान्त (मराठी में) (2nd संस्करण). पुणे, India: Sadashiv Shankar Gokhale. पपृ॰ 120, 137.
  15. Kosambi, Meera (1989). "Glory of Peshwa Pune". Economic and Political Weekly. 248 (5): 247.
  16. "Shaniwarwada was centre of Indian politics: Ninad Bedekar – Mumbai – DNA". Dnaindia.com. 29 नवम्बर 2011.
  17. Majumdar, Sumit K. (2012), India's Late, Late Industrial Revolution: Democratizing Entrepreneurship, Cambridge: Cambridge University Press, ISBN 1-107-01500-6, अभिगमन तिथि: 7 दिसम्बर 2013
  18. Lacina, Bethany Ann (2017). Rival Claims: Ethnic Violence and Territorial Autonomy Under Indian Federalism. Ann arbor, MI, USA: मिशिगन विश्वविद्यालय प्रेस. पृ॰ 129. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0472130245.
  19. Morris, David (1965). Emergence of an Industrial Labor Force in India: A Study of the Bombay Cotton Mills, 1854-1947. University of California Press. पृ॰ 63. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780520008854. konkan.
  20. Chandavarkar, Rajnarayan (2002). The origins of industrial capitalism in India business strategies and the working classes in Bombay, 1900-1940 (1st pbk. संस्करण). Cambridge [England]: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय Press. पृ॰ 33. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780521525954.
  21. Gugler, Josef, संपा॰ (2004). World cities beyond the West : globalization, development, and inequality (Repr. संस्करण). Cambridge: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय Press. पृ॰ 334. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780521830034.
  22. "Hyderabad Godavari Valley Railway: Buldana, Aurangabad & Parbhanai Districts, Sheet No.56 A/N.W - Unknown". Google Arts & Culture (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 14 जुलाई 2020.
  23. J, Nikhil (29 नवम्बर 2018). "Hyderabad–Godavari Valley Railway and Cotton Industry". CityKatta. मूल से 20 अप्रैल 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2024.
  24. "Maharashtra economy soars to $85b by 2005". मूल से 14 दिसम्बर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जुलाई 2010.
  25. "Indian states by GDP".
  26. Anand, V., 2004. Multi-party accountability for environmentally sustainable industrial development: the challenge of active citizenship. PRIA Study Report, no. 4, March 2004.
  27. Menon, Sudha (30 मार्च 2002). "Pimpri-Chinchwad industrial belt: Placing Pune at the front". The Hindu Business Line. अभिगमन तिथि 29 जनवरी 2012.
  28. Lalvani, Mala (2008). "Sugar Co-operatives in Maharashtra: A Political Economy Perspective". The Journal of Development Studies. 44 (10): 1474–1505. S2CID 154425894. डीओआइ:10.1080/00220380802265108.
  29. Patil, Anil (9 जुलाई 2007). "Sugar cooperatives on death bed in Maharashtra". Rediff India. मूल से 28 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसम्बर 2011.
  30. Banishree Das; Nirod Kumar Palai; Kumar Das (18 जुलाई 2006). "Problems and Prospects of the Cooperative Movement in India Under the Globalization Regime" (PDF). XIV International Economic History Congress, Helsinki 2006, Session 72. मूल (PDF) से 24 सितम्बर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 सितम्बर 2015.
  31. "Mahanand Dairy". मूल से 24 नवम्बर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 सितम्बर 2014.
  32. Dahiwale, S. M. (11 फ़रवरी 1995). "Consolidation of Maratha Dominance in Maharashtra". Economic and Political Weekly. 30 (6): 340–342. JSTOR 4402382.
  33. Bhosale, Jayashree (10 नवम्बर 2007). "Economic Times: Despite private participation Education lacks quality in Maharashtra". मूल से 10 October 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 October 2014.
  34. Baviskar, B. S. (2007). "Cooperatives in Maharashtra: Challenges Ahead". Economic and Political Weekly. 42 (42): 4217–4219. JSTOR 40276570.
  35. Heitzman, James (2008). The city in South Asia. London: Routledge. पृ॰ 218. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0415574266. अभिगमन तिथि 14 नवम्बर 2016. pune.
  36. Shroff, S., 2015. 1 lakh farmers quit agriculture in 5 years in Maharashtra.[1]
  37. Kisan Algur Regional Composition of Migrant and Non -Migrant Workers in Maharashtra, India International Journal of Interdisciplinary and Multidisciplinary Studies (IJIMS), 2017, Vol 4, No.2,152-156. [2]