महिला जननांग कर्तन
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा परिभाषित महिला जननांग कर्तन की परिभाषा निम्न प्रकार है: "वो सभी प्रक्रियाएँ जिनमें महिला जननांग (गुप्तांग) के बाहरी भाग को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से हटा दिया जाता है अथवा किसी गैर चिकित्सकीय कारण से महिला यौन अंगों को होने वाली क्षति को कहा जाता है।"[1]



जननांग कर्तन की यह प्रथा अफ्रीका, एशिया, मध्य पूर्व आदि में पायी जाती है। २०१६ में यूनिसेफ ने अनुमान लगाया था कि वर्तमान में जीवित लगभग २० करोड़ महिलाओं के जननांग कर्तित हैं। ये महिलाएँ ३० देशों की हैं जिनमें से २७ अफ्रीका के हैं और शेष इंडोनेशिया, इराकी कुर्दिस्तान, और यमन की हैं।
जननांग कर्तन का कार्य प्रायः एक परम्परागत कर्तक द्वारा ब्लेड से किया जाता है। यह कार्य जन्म के कुछ दिनों के पश्चात से लेकर यौवनारम्भ (पबर्टी आने) तक और उसके बाद भी किया जाता है। जो आंकड़े उपलब्ध हैं उनमें से आधे से अधिक का कर्तन ५ वर्ष की आयु ए पहले ही कर दिया जाता है। कर्तन की विधि एक देश से दूसरे देश में और एक समाज से दूसरे समाज में अलग-अलग हैं। कहीं पर क्लिटोरल हुड और क्लिटोरल ग्लान्स को काटकर निकाल दिया जाता है; कहीं आन्तरिक लेबिया को काटकर निकाल दिया जाता है; कहीं आन्तरिक और बाह्य लिबिया को निकाल दिया जाता है और भग को ही बन्द कर दिया जाता है। यदि योनि को बन्द किया जाता है तो मूत्र त्याग करने तथा मासिक धर्म के समय निकलने वाले द्रव के लिए एक छोटा सा छिद्र छोड़ दिया जाता है। सम्भोग करने के लिए योनि को खोला जाता है और बच्चे के जन्म देने के समय और अधिक खोल दिया जाता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Classification of female genital mutilation" (in अंग्रेज़ी). विश्व स्वास्थ्य संगठन. 2013. Archived from the original on 25 अक्तूबर 2013. Retrieved 27 अक्तूबर 2013.
all procedures that involve partial or total removal of the external female genitalia or other injury to the female genital organs for non-medical reasons.
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