महर्षि महेश योगी

भारतीय आध्यात्मिक गुरु (1918-2008)
(महेश योगी से अनुप्रेषित)

महर्षि महेश योगी (निधन 5 फरवरी 2008) का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था।[1] उनका मूल नाम महेश प्रसाद था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की उपाधि अर्जित की। उन्होंने तेरह वर्ष तक ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण की। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हजार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी। हिमालय क्षेत्र में दो वर्ष का मौन व्रत करने के बाद सन् 1955 में उन्होने टीएम तकनीक की शिक्षा देना आरम्भ की। सन् 1957 में उन्होंने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाये गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने 1968 में उनके आश्रम का दौरा किया। इसके बाद गुरुजी का ट्रेसडेंशल मेडिटेशन अर्थात भावातीत ध्यान पूरी पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हुआ।[2] उनके शिष्यों में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी से लेकर आध्यात्मिक गुरु दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे।[3]

महर्षि महेश योगी
१९७८ में महर्षि महेश योगी


महर्षि महेश योगी ने वेदों में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। महेश योगी अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं। उन्होने महर्षि मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित किया जिसके माध्यम से 'आनलाइन' शिक्षा दी जाती है। वे साप्ताहिक विडियो पत्रकार वार्ता आयोजित करते हैं। वे महर्षि प्रसारण के लिये उपग्रह व अन्तरजाल का सहारा लेते हैं।

अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत 1959 में अमेरिका से करने वाले महर्षि योगी के दर्शन का मूल आधार था, 'जीवन परमआनंद से भरपूर है और मनुष्य का जन्म इसका आनंद उठाने के लिए हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति में ऊर्जा, ज्ञान और सामर्थ्य का अपार भंडार है तथा इसके सदुपयोग से वह जीवन को सुखद बना सकता है।' वर्ष 1990 में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर वह यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया। दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया।[4]

हॉलैंड के व्लोड्राप नगर में महर्षि का वैदिक विश्वविद्यालय

डच के स्थानीय समय के अनुसार एम्सटर्डम के पास छोटे से गाँव व्लोड्राप में स्थित अपने आवास में मंगलवार देर रात उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। पिछले महीने 11 जनवरी को महर्षि योगी ने ये कहते हुए अपने आपको सेवानिवृत्त घोषित कर दिया था कि उनका काम पूरा हो गया है और अपने गुरु के प्रति जो कर्तव्य था वो पूरा कर दिया है।[5]

मुद्रा 'राम'

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महर्षि योगी ने एक मुद्रा की स्थापना भी की थी। महर्षि महेश योगी की मुद्रा राम को नीदरलैंड में क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। राम नाम की इस मुद्रा में चमकदार रंगों वाले एक, पाँच और दस के नोट हैं। इस मुद्रा को महर्षि की संस्था ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस ने अक्टूबर २००२ में जारी किया था। डच सेंट्रल बैंक के अनुसार राम का उपयोग क़ानून का उल्लंघन नहीं है। बैंक के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इसके सीमित उपयोग की अनुमति ही दी गई है। अमेरिकी राज्य आइवा के महर्षि वैदिक सिटी में भी राम का प्रचलन है। वैसे 35 अमेरिकी राज्यों में राम पर आधारित बॉन्डस चलते हैं। नीदरलैंड की डच दुकानों में एक राम के बदले दस यूरो मिल सकते हैं। डच सेंट्रल बैंक के प्रवक्ता का कहना है कि इस वक्त कोई एक लाख राम नोट चल रहे हैं।[6]

  1. "महर्षि महेश योगी का निधन" (एसएचटीएमएल). बीबीसी. मूल से 9 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "'बीटल्स' के अध्यात्म गुरु महर्षि महेश योगी का निधन" (सीएमएस). नवभारत टाइम्स. मूल से 9 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. "महर्षि महेश योगी का निधन" (एचटीएम). वेबदुनिया. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. "महर्षि महेश योगी का निधन". एमएसएन हिन्दी. मूल (एएसएक्सपी) से 11 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. "दुनिया के सबसे रईस अध्यात्मिक गुरु महेश योगी क निधन". हिंदीमीडिया.इन. मूल से 8 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  6. "ख़रीददारी कीजिए 'राम' देकर" (एसएचटीएमएल). बीबीसी. मूल से 8 जून 2003 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

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