माँ शीतला माता कुण्ड
ब्राह्मणों की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर दर्शन दिए।
भाटुन्द गाँव में माँ शीतला माताजी के सामने ऐक ऊखली है, जो एक फिट गहरी व आधा फिट चौड़ी है, जिसको शीतला मााता कुण्ड भी कहते हैं ,साल मे दो बार चैत्र वदि ७ व वैशाख शुक्ल १५ को इस ऊखली मे पुरा गाँव घड़ों द्वारा पानी डालता है लेकिन यह ऊखली कभी नहीं भरती है, गाँव वालो की मान्यता है कि पुरा पानी राक्षस पिता है। एक बार सिरोही दरबार ने भी इस ऊखली को दो कुआं का पानी लाकर भरने की निष्फल कोशिश की थी। माँ के प्रकोप से पूरे शरीर में कोड निकल गये थे। माँ की आराधना करने पर ठीक हुए थे।