माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स

माइक्रोसॉफ्ट का बनाया हुआ मुफ्त एंटीवाइरस

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स (अंग्रेज़ी: Microsoft Security Essentials) एक एंटीवाइरस सॉफ्टवेयर है, जो कुछ खास तरह के सॉफ्टवेयरों से सुरक्षा प्रदान करता है। इनमें कम्प्युटर वाइरस, स्पायवेयर, रूटकिट और ट्रोजन हॉर्स आदि आते हैं। इसके लाइसेंस का उपयोग घर में उपयोग करने वाले और कुछ छोटे व्यापार करने वाले लोग बिना किसी खर्च के कर सकते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स
डेवलपर माइक्रोसॉफ्ट
पहला संस्करण 29 सितम्बर 2009 (2009-09-29)
आखिरी संस्करण

4.10.209.0

/ 30 नवम्बर 2016; 7 वर्ष पूर्व (2016-11-30)
ऑपरेटिंग सिस्टम
प्लेटफॉर्म आईए-32 और एक्स64
आकार
  • आईए-32: 10.7 एमबी
  • एक्स64: 13.1 एमबी
  • आईए-32 परिभाषा: 76.4 एमबी
  • एक्स64 परिभाषा: 77.0 एमबी
  • एनआईएस परिभाषा: 0.9 एमबी
भाषा अंग्रेजी, बल्गेरियाई, चीनी (सरलीकृत), चीनी (पारंपरिक), क्रोएशियाई, चेक, डेनिश, डच, एस्टोनियन, फ़िनिश, फ्रांसीसी, जर्मन, ग्रीक, हंगेरियन, इतालवी, जापानी, कोरियाई, लातवियाई, लिथुआनियाई, नार्वेजियन, पोलिश, पुर्तगाली ब्राजीली), पुर्तगाली (पुर्तगाल), रोमानियाई, रूसी, सर्बियाई (लैटिन), स्लोवाक, स्पैनिश, स्वीडिश, थाई, तुर्की, यूक्रेनी और वियतनामी
स्थिति सक्रिय
प्रकार एंटीवाइरस
लाइसेंस निःशुल्क
वेबसाइट windows.microsoft.com/mse/

इसे माइक्रोसॉफ्ट के दूसरे एंटीवाइरस सॉफ्टवेयर के समान वाइरस परिभाषा और स्केनिंग इंजन से बनाया गया है। यह रियल-टाइम सुरक्षा प्रदान करता है और लगातार कम्प्युटर में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखता है और जैसे ही कोई नया फ़ाइल डाउनलोड होता है या बनता है तो वैसे ही ये उस नए फ़ाइल को स्कैन करता है। यदि कोई समस्या मिलती है तो उसे निष्क्रिय कर देता है।

इस उत्पाद का अपने यूजर इंटरफेस, कम संसाधन के उपयोग और निःशुल्क लाइसेंस के कारण सराहना के साथ-साथ सकारात्मक समीक्षा मिलती आ रही है। अक्टूबर 2009 के एंटीवाइरस परीक्षण में सभी व्यापक मालवेयर को हटा कर परीक्षण में सफलता पाई थी, लेकिन उसके कुछ सालों बाद अक्टूबर 2012 में ही लगातार सुरक्षा और सुधार में गिरावट के कारण ये परीक्षण में विफल हो रहा। जून 2013 में इसने सुरक्षा में सबसे कम अंक "शून्य" हासिल किया। मार्च 2012 में ऑप्सवाट के अनुसार ये उत्तर अमेरिका का सबसे लोकप्रिय और विश्व का दूसरा सबसे लोकप्रिय उत्पाद था। इस कारण इसके जैसे कई नकली एंटीवाइरस का निर्माण भी हुआ, जो इसी की तरह अपने उत्पाद को दिखाने का प्रयास करते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स एक एंटीवाइरस सॉफ्टवेयर है, जो हानिकारक सॉफ्टवेयर (मालवेयर) जैसे कम्प्युटर वाइरस, स्पायवेयर, रूटकिट और ट्रोजन हॉर्स आदि से सिस्टम को बचाता है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट दो अलग अलग प्रकार के एंटीवाइरस सॉफ्टवेयर का विकास कर रहा था, जिसमें से एक विंडोज लाइव वनकेयर नाम का सदस्यता शुल्क वाला एंटीवाइरस था और दूसरा विंडोज डिफेंडर नाम का एक निःशुल्क एंटीवाइरस था। विंडोज डिफेंडर केवल विंडोज 8 तक ही सीमित था और केवल एडवेयर और स्पायवेयर से ही सुरक्षा प्रदान करता था। इन दोनों सॉफ्टवेयर का स्थान इसने ले लिया।

यह वाइरस की परिभाषा डाउनलोड करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट अपडेट पर निर्भर रहता है और दिन में तीन अपडेट होता है। उपयोगकर्ता चाहें तो उसे माइक्रोसॉफ्ट के वेबसाइट से सीधे भी अपडेट कर सकते हैं। 30 सितम्बर 2011 को एक गलत परिभाषा वाला अपडेट आया था, जो गूगल क्रोम को मालवेयर के रूप में चिन्हित करने लगा। इस समस्या को मात्र तीन घंटों के भीतर ही ठीक कर दिया गया। यह सॉफ्टवेयर मूल रूप से विंडोज एक्सपी, विस्टा और 7 में चलता था, लेकिन संस्करण 4.5 के बाद से ये एक्सपी में चलना बंद हो गया और माइक्रोसॉफ्ट ने 14 जुलाई 2015 से इसके लिए अपडेट देना ही बंद कर दिया।

संस्करण 2.0

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इसके आने के लगभग साल भर बाद, माइक्रोसॉफ्ट ने इसका दूसरा संस्करण भी बाजार में उतार दिया। ये तकनीकी झलक वाली स्थिति में 19 जुलाई 2010 को था और अंतिम निर्माण 16 दिसम्बर 2010 को में लाया गया। इसमें नेटवर्क इन्सपैक्शन सिस्टम भी है, जो नेटवर्क से घुसपैठ पर नजर रखती है। ये विंडोज विस्टा और विंडोज 7 के साथ काम करती है। इसके साथ साथ इसमें एक नए तरह का मालवेयर हटाने का इंजन डाला गया है। इसके बाद से इंटरनेट एक्सप्लोरर से जुड़ कर ये वेब से जुड़े समस्याओं का समाधान करता है।

संस्करण 4.0

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संस्करण 2.0 के आने के सोलह महीने बाद 3.0 संस्करण को छोड़ कर सीधे ही 4.0 को लाया गया। इसे सार्वजनिक बीटा के रूप में 18 नवम्बर 2011 को लाया गया, इस समय माइक्रोसॉफ्ट ने इसे चला पाने में सक्षम लोगों को बिना इसके संस्करण को बताए ही इसे उपयोग करने हेतु आमंत्रित किया था। इसका पहला बीटा संस्करण 29 नवम्बर 2011 को लाया गया। 24 अप्रैल 2012 को इसका अंतिम निर्माण वाला संस्करण लाया गया। माइक्रोसॉफ्ट ने इसी के साथ साथ एक कार्यक्रम की शुरुआत भी की, जिसमें जिन लोगों को नए बीटा संस्करण प्रदान कर उनसे प्रतिक्रिया ले रहे थे।

संस्करण 4.5

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21 फरवरी 2014 को बीटा 4.5 को लाया गया। इसी दिन माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा किया कि अब इसके बाद से विंडोज एक्सपी में ये काम नहीं करेगा। पुराने संस्करण 14 जुलाई 2015 तक स्वतः ही अपडेट लेते रहेंगे। उसके बाद लोगों को माइक्रोसॉफ्ट के वेबसाइट से उन्हें अपडेट करना पड़ेगा।

संस्करण 4.10

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4.10 का नया संस्करण 29 नवम्बर 2016 को निकाला गया। ये विंडोज विस्टा और विंडोज 7 के लिए 4.10.209.0 था। इस अपडेट से इससे पहले वाले संस्करण में आए त्रुटि को ठीक कर लिया गया था। इससे पहले का 4.10.205.0 वाले संस्करण में किसी फ़ाइल या फोंल्डर को चुन कर माऊस से दाएँ क्लिक करने से जो स्कैन करें वाला विकल्प दिखता था, वो हट गया था। जिसे अगले अपडेट से वापस लाया गया।

माइक्रोसॉफ्ट ने आधिकारिक रूप से विंडोज विस्टा और एक्सपी के लिए अपडेट देना बंद कर दिया। पुराने संस्कारण अब भी उनमें काम करते हैं और वाइरस की जानकारी देने वाला अपडेट अब भी मिलता रहता है। ये 14 जनवरी 2020 तक विंडोज 7 के लिए भी उपलब्ध रहेगा।

ये सॉफ्टवेयर विंडोज 8 या उसके बाद वाले संस्करण में काम नहीं करता है, क्योंकि उनमें उनकी अपनी सुरक्षा प्रणाली, जिसे विंडोज डिफेंडर कहते हैं, उपलब्ध रहती है। 13 सितम्बर 2011 को कैलिफोर्निया में एक सम्मेलन में माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 8 के डेवलपर प्रीव्यू को दिखाया, जिसमें सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए गए हैं, जिससे वाइरस से प्रभावित यूएसबी फ्लैश मेमोरी से बूट करते समय सिस्टम को बचाएगा। 15 सितम्बर को विंडोज 8 के डेवलपर ब्लॉग ने इस बात की पुष्टि किया कि अब विंडोज 8 में वाइरस से सुरक्षा करने का कार्य विंडोज डिफेंडर करेगा। इसी के साथ वाले वीडियो में, जेसन गार्म्स ने बताया कि ये सॉफ्टवेयर "एक्शन सेंटर" में एंटीवाइरस और स्पायवेयर टूल के रूप में जुड़ेगा और ये दिखाया कि ये किस तरह मालवेयर को रोकता है। 3 मार्च 2012 में सॉफ्टपीडिया ने विंडोज 8 के प्रीव्यू की समीक्षा की, और बताया कि किस तरह विंडोज डिफेंडर और माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स 4.0 में समानता है। सॉफ्टपीडिया के अनुसार विंडोज 7 में अपग्रेड करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स को हटाना ही पड़ता है।

18 नवम्बर 2008 को माइक्रोसॉफ्ट ने एक मुफ्त सुरक्षा सॉफ्टवेयर बनाने की घोषणा की, जिसका नाम कोड नाम मोर्रों रखा गया था। इस सॉफ्टवेयर के विकास ने माइक्रोसॉफ्ट की एंटीवाइरस के व्यापारिक रणनीति को ही बदल दिया। शुल्क आधारित सुरक्षा सॉफ्टवेयर के स्थान पर मोर्रो, पूरी तरह मुफ्त सुरक्षा प्रदान करने वाला और बहुत कम सिस्टम रिसोर्स लेने वाला सॉफ्टवेयर है।

23 जून 2009 को माइक्रोसॉफ्ट ने इसका सार्वजनिक बीटा संस्करण संयुक्त राष्ट्र, इस्राइल, चीन और ब्राजील के 75,000 उपयोगकर्ताओं के लिए जारी किया।

बाजार में हिस्सेदारी

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इसके बाजार में आने के एक साल बाद, 29 सितम्बर 2010 में माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा किया कि इसके लगभग 3 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हो गए हैं। ओप्सवाट ने जून 2011 में अपने रिपोर्ट में बताया कि ये विश्व के सबसे अधिक प्रसिद्ध एंटीवाइरस में से एक है। जिसका पूरे विश्व में 10.66 प्रतिशत और उत्तर अमेरिका में 15.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी रिपोर्ट के अनुसार ये उत्तर अमेरिका का सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला एंटीवाइरस था। विश्व में इसका स्थान चौथा था।

बाहरी कड़ियाँ

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