मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, रुड़की

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, मूल रूप से अभियांत्रिकी के स्नातक पाठ्यक्रम के छात्रों को अंग्रेजी एवं सामाजिक विज्ञान पढ़ाने हेतु स्थापित किया गया था। विगत वर्षों में यह अंग्रेजी, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, हिन्दी तथा रूसी आदि विषयों में अध्यापन एवं अनुसंधान पाठ्यक्रमों के साथ एक संपूर्ण विभाग के रूप में विकसित हो चुका है। अब तक विभाग से 55 शोध छात्रों को विभिन्न विषयों में पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की जा चुकी है, तथा वर्तमान में 15 से अधिक छात्र पी.एच.डी. पाठ्यक्रमों हेतु पंजीकृत हैं। विभाग के संकाय सदस्य संपोषित शोध परियोजनाओं तथा परामर्श कार्यों में सक्रिय रूप से सन्नद्ध हैं। 150 शोध पत्रों के अतिरिक्त अब तक संकाय द्वारा 21 पुस्तकें भी प्रकाशित की गई हैं जिन्हें विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुये हैं।

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, रुड़की की सबसी महत्वपूण जगह सजावट में दीपावली की शुभ्ह अवसर पर।

विभाग में शीघ्र ही समाजशास्त्र एवं दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम आरम्भ किये जाने की संभावना है। हाल ही में पुनः संरचित पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में अध्यनरत सभी स्नातक व स्नातकोत्तर छात्रों को प्रौद्योगिकी संप्रेषण विषय पढ़ाया जा रहा है। मुख्य पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त विभाग में सभी विषयों में पूल- इलैक्टिव भी पढ़ाये जा रहे हैं। विभाग में, औद्यौगिक प्रबंध में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी चलाया जा रहा था जिसको 1998 में विश्वविद्यालय में प्रबंध का अलग विभाग बन जाने के बाद से बंद कर दिया गया।

छात्रों एवं शोधकर्ताओं को बेहतर संप्रेषण कौशल उपलब्ध कराने के लिये विभाग में भाषा संप्रेषण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। एक मनोविज्ञान प्रयोगशाला तथा एक संगणक प्रयोगशाला पहले से ही कार्यरत है। विभाग का पुस्तकालय लगभग 5000 पुस्तकों से युक्त है।

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