मांचु लोग
मांचु या मान्चू (मांचु: ᠮᠠᠨ᠋ᠵᡠ, मान्जू; चीनी: 满族, मान्ज़ू; अंग्रेज़ी: Manchu) पूर्वोत्तरी चीन का एक अल्पसंख्यक समुदाय है जिनके जड़े जनवादी गणतंत्र चीन के मंचूरिया क्षेत्र में हैं। १७वीं सदी में चीन पर मिंग राजवंश सत्ता में था लेकिन उनका पतन हो चला था। उन्होंने मिंग के कुछ विद्रोहियों की मदद से चीन पर क़ब्ज़ा कर लिया और सन् १६४४ से अपना राजवंश चलाया, जो चिंग राजवंश कहलाता है।[1] इन्होनें फिर सन् १९११ की 'शिनहई क्रान्ति' तक शासन किया, जिसके बाद चीन में गणतांत्रिक व्यवस्था आरम्भ हो गई।
चीनी इतिहास में इस भूमिका के बावजूद, मांचु लोग नसल से चीनी नहीं हैं, बल्कि चीन के उत्तर में तुन्गुसी भाषाएँ बोलने वाले बड़े समुदाय की एक शाखा हैं। तीन सौ वर्षों के सांस्कृतिक संपर्क से और आधुनिक चीनी सरकारी नीतियों के कारण आधुनिक मांचु लोगों ने चीन के बहुसंख्यक हान चीनी समुदाय के बहुत तौर-तरीके अपना लिए हैं। अधिकतर मांचु लोग अब मांचु भाषा की बजाए चीनी भाषा बोलते हैं और मांचु को मातृभाषा के रूप में बोलने वाले अब बुज़ुर्ग हो चले हैं।[2] सन् २०१० में चीन में मांचुओं की जनसँख्या १ करोड़ से ज़रा अधिक है, जिसके बूते पर वे चीन का तीसरा सबसे बड़ा समुदाय हैं, हालांकि १०० करोड़ की हान चीनी आबादी के सामने उनकी संख्या बहुत कम है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ The Manchu Way: The Eight Banners and Ethnic Identity in Late Imperial China Archived 2014-01-07 at the वेबैक मशीन, Mark C. Elliott, Stanford University Press, 2001, ISBN 978-0-8047-4684-7, ... In 1644, the Manchus, a relatively unknown people inhabiting China's northeastern frontier, overthrew the Ming, Asia's mightiest rulers, and established the Qing dynasty ...
- ↑ China: a modern history, Michael Dillon, I.B.Tauris, 2010, ISBN 978-1-85043-582-2, ... However Manchu entered a period of decline and has virtually died out as a living language of China, even in the old Manchu lands of the northeast. A form of Manchu survives as the Xibo (Sibe) language ...