मापनीयता (scalability) किसी तंत्र, संगठन, प्रक्रिया या विधि की बढ़ने की क्षमता को कहते हैं, मसलन किसी कम्पनी में बिना उनकी सेवा में कोई चूक आए उनकी ग्राहकों की संख्या का दुगना हो जाना। इस उदाहरण में कम्पनी में ऐसी क्षमता होनी आवश्यक है कि वह तेज़ी से अन्य कार्यभारी को नौकरी पर लगा सके ताकि कम्पनी की सेवाओं पर पड़ रहा ग्राहकों का बोझ बिना किसी उलझनों के उठाया जा सके, जिस के लिए उस कम्पनी में सही प्रबन्धकों (मैनेजरों) व सही प्रबन्धन प्रक्रियाओं का होना आवश्यक है।[1] इसी तरह कोई संगणक (कम्प्यूटर) तन्त्र तब मापनीय (scalable) कहलाता है जब उसमें सीपीयू, स्मृति (मेमोरी) और अन्य क्षमताएँ सरलता से बढ़ाई जा सके ताकि उस तन्त्र पर बढ़ती हुई मांगों को आसानी से निभाया जा सके।[2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bondi, André B. (2000). Characteristics of scalability and their impact on performance. Proceedings of the second international workshop on Software and performance – WOSP '00. p. 195. doi:10.1145/350391.350432. ISBN 158113195X.
  2. See for instance, (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर and Duboc, Leticia; Rosenblum, David S.; Wicks, Tony (2006). "A framework for modelling and analysis of software systems scalability". Proceedings of the 28th international conference on Software engineering – ICSE '06. p. 949. doi:10.1145/1134285.1134460. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1595933751.