मास्टर अमीर चंद (१८६९ - ८ मई १९१५) भारत की स्वतंत्रता-संग्राम के क्रांतिकारी थे।

अमीर चंद का जन्म 1869 में हैदराबाद की विधानसभा के सेक्रेटरी के घर हुआ था। उनके मन में देश भक्ति की मान्यता इतनी प्रबल थी कि स्वदेशी आंदोलन के दौरान हैदराबाद के बाजार में उन्होंने स्वदेशी स्टोर खोला जहां वह देशभक्तों की तस्वीरें तथा क्रांतिकारी साहित्य बेचते थे। 1919 में दिल्ली में भी स्वदेशी प्रदर्शनी लगाई। 1912 में दिल्ली में उस समय के वायसरोय लार्ड हार्डिग पर बम फेंकने की घटना में सक्रिय भूमिका निभाई। 1914 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 1915 में उन्हें तीन साथियों (अवध बिहारी, बाल मुकुंद, बसन्त कुमार बिस्वास) के साथ दिल्ली केंद्रीय जेल में फांसी दे दी गई।

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