मिनाक्षी बनर्जी

भारतीय वैज्ञानिक

मिनाक्षी बनर्जी एक भारतीय सायनोबेक्टेरियोलोजिस्ट है और वर्तमान में हाईस्टन, टेक्सास में चावल विश्वविद्यालय में एप्लाइड अल्गल रिसर्च सेंटर के प्रमुख के रूप में भी कार्य करते हैं। वह बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल के बायोसाइंस डिपार्टमेंट के भी प्रमुख है। [1]

शिक्षा संपादित करें

बनर्जी ने आसंसोल के आयरिश कान्वेंट स्कूल से अपनी पढाई समाप्त करके फिरर रांची विश्वविद्यालय के निर्मला कॉलेज से विज्ञान लेके पढाई की। उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में बॉटनी से स्नातक किया। वनस्पति विज्ञान में रूचि होने के कारण उन्होंने मास्टर्स भी वनस्पति विज्ञान में किया जिसके चलते वह आगे एक सय्नोबेक्तेरिओलोजिस्त बनी।[2]

करियर संपादित करें

१९८९ में बनर्जी ने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में शामिल हुए। १९९७ में वह एक रीडर बने तथा २००५ में एक प्रोफेसर।[3] वर्तमान में वे विश्वविद्यालय में बायोसाइंस विभाग के प्रमुख हैं।

पहचान संपादित करें

२०१० में डॉ के एन एन काटजू राज्य स्तर विज्ञान पुरस्कार मिला साथ में उन्हें और भी कई पुरस्कार मिले है। बनर्जी नेशनल अकादमी ऑफ़ साइंसेज के भी सदसय है। उनकी मौजूदा रुचि अल्गल जैव उर्वरक पर दुर्लभ किस्मों के औषधीय पौधों के प्रसार के लिए व्यापक शोध में निहित है और ठंड और गर्म रेगिस्तान सहित विभिन्न निवासों से अनोखे साइनो बैक्टीरिया का अध्ययन करती हैं।[4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  2. "Women in Science - IAS Initiative" (PDF). Retrieved 13 March 2014. ^ Jump up to: a b
  3. "Barkatullah University Profile" (PDF). Retrieved 13 March 2014.
  4. "The National Academy of Sciences, India - Life Members". Nasi.org.in. Retrieved 2014-03-14.