मुंगेर का किला
इस लेख में शीर्ष अनुच्छेद मौजूद नहीं है। कृपया इस लेख में इसकी पहचान के लिए शीर्ष अनुच्छेद लिखे। (जून 2021) |
मुंगेर दुर्ग, बिहार के मुंगेर में स्थित एक दुर्ग है जो गंगा के दक्षिणी किनारे पर एक पहाड़ी पर स्थित है। इसका इतिहास ठीक-ठीक पता नहीं है किन्तु ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण गुलाम वंश के आरम्भिक शासकों में से किसी ने कराया था।
मुंगेर का किला | |
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बिहार का भाग | |
बिहार, भारत | |
निर्देशांक | 25°22′49″N 86°27′57″E / 25.3803°N 86.4658°E |
प्रकार | Fort |
स्थल जानकारी | |
नियंत्रक | Government of Bihar |
दशा | Ruins |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | 14th century |
निर्माता | Mohhemadan Kings of India |
सामग्री | Granite Stones and lime mortar |
इस किला में चार द्वार हैं। इसमें उत्तरी द्वार को 'लाल दरवाजा' के नाम से जाना जाता है। यह विशाल दरवाजा नक्काशीदार पत्थरों से हिन्दू-बौद्ध शैली में बना हुआ है। किले में स्थित गुप्त सुरंग पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। 1934 में आए भीषण भूकम्प से इस सुरंग को काफी क्षति पहुंचा थी।
प्राचीन काल में मुंगेर किला का निर्माण मगध सम्राट जरासंध ने करवाया, जिसका वर्णन महाभारत में है। बाद इस किले पर कई शासक ने अपना वर्चस्व स्थापित किया था। चन्द्रगुप्त ने मुंगेर की स्थापना की और इसकी राजधानी चम्पा नगर थी। बाद में बाहरी मुस्लिम आक्रमण मुगल ने इस किले पर अपना अधिकार स्थापित किया और किले को अपना नाम दिया।
सन्दर्भ
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