मुंग बीन डोसा
मूंग बीन डोसा (या सामान्यतः पेसराअट्टू या पेसरा डोसा), रोटी की तरह पतली होती हैं एवं डोसा के समान होती है। इसमें मूंग की दाल का घोल इस्तेमाल होता हैं लेकिन डोसा के विपरीत इसमें उड़द की दाल का प्रयोग नहीं होता है। [1] पेसरा अट्टू को नाश्ते में और स्नैक के रूप में भी खाया जाता हैं एवं यह भारत के आंध्र प्रदेश और राजस्थान में काफी लोकप्रिय है। यह आमतौर पर अदरक या इमली की चटनी के साथ परोसा जाता है। हरी मिर्च, अदरक और प्याज का प्रयोग इस नाश्ते के विभिन्न प्रारूपों में किया जाता है।
पेसराअट्टू | |
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पेसराअट्टू | |
उद्भव | |
संबंधित देश | आंध्र प्रदेश का डेल्टा क्षेत्र, दक्षिण भारत |
देश का क्षेत्र | आंध्र प्रदेश |
व्यंजन का ब्यौरा | |
भोजन | नाश्ता, स्नैक |
मुख्य सामग्री | मूंग दाल (ग्रीन ग्राम) |
एम एल ए पेसरा अट्टू
संपादित करेंपेसरा अट्टू की एक किस्म जो उपमा के साथ परोसी जाती हैं उससे एम एल ए पेसरा अट्टू के नाम से जाना जाता हैं , यह हैदराबाद के विधायकों के रेस्टोरेंट्स में ज्यादातर परोसा जाता था तब से लोगों के बीच जाना जाने लगा। यह विधायक आवासों में आंध्र प्रदेश के भोजन का एक प्रमुख हिस्सा था। उपमा पेसरा अट्टू तटीय आंध्र क्षेत्र में विशेष रूप से गुंटूर, कृष्णा, पूर्वी गोदावरी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में एक पसंदीदा व्यंजन है। यह काफी लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है।
अन्य प्रारूप
संपादित करेंइस व्यंजन के अन्य प्रारूप उत्तर भारतीय भोजन में पाए जाते हैं जिन्हें मूंग दाल का चीला या बेसन का चीला नाम से जाना जाता हैं। राजस्थान में वे आमतौर पर चील्डो के रूप में जाना जाता है।
तैयारी
संपादित करेंपेसराअट्टू की तैयारी बहुत मुश्किल नहीं है लेकिन वांछित स्वाद को प्राप्त करने के लिए इसमे बहुत बारीकी की जरुरत होती हैं। तैयारी के पहले चरण में मूंग दाल को कम से ४ घंटे एवं अधिकतम ७ घंटे पानी में भिंगोना पड़ता हैं। १५० मिलीलीटर मूंग दाल के घोल से ४ माध्यम आकर के पेसराअट्टू तैयार किये जा सकते हैं। पानी में फूलकर भींगे हुए इन दालों को कुछ हरी मिर्च, अदरक एवं नमक मिलाकर काफी बारीक पीसा जाता हैं। आवश्यकता के अनुसार इस मिश्रण में फिर पानी डाला जाता है फिर इस मिश्रण को कुछ देर तक अच्छी तरह हिलाते हैं ताकि अनाज के भीतरी भागों पूरी तरह से पानी से भीग जाए।
अब इस मिश्रण को गर्म तवे पर डाला जाता है। अगर तैयारी बहुत सटीक ढंग से की गयी हैं तो पेसराअट्टू धीरे-धीरे खस्ता होने लगता हैं एवं इसके किनारे खुद बा खुद निकलने लगते हैं। पेशेवर खाना पकाने के दौरान पैन के उच्च तापमान के कारण, आमतौर पर पेसराअट्टू को दुसरे तरफ पलटने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन घरेलू कुकिंग के दौरान पेसराअट्टू को आमतौर पर तवे पर पलट दिया जाता है ताकि यह पूरी तरह से पक जाए।
बारीक कटे हुए प्याज एवं मिर्च भी कभी कभी इस घोल में मिलाया जाता हैं ताकि इसके स्वाद में और बढोतरी हो जाए। कुछ स्थानों में उपमा और प्याज दोनों पेसराअट्टू में मिलाया जाता हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "रियल स्ट्रीट फ़ूड - No २: पेसरट्टु फ्रॉम चेन्नई". डी गार्डियन. गार्डियन मीडिया ग्रुप. २३ अक्टूबर २०१४. मूल से 5 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २६ नवम्बर २०१४.