मुंबई की अर्थ व्यवस्था

मुंबई भारत की सबसे बड़ी नगरी है। यह देश की एक महत्वपूर्ण आर्थिक केन्द्र भी है, जो सभी फैक्ट्री रोजगारों का १०%, सभी आयकर संग्रह का ४०%, सभी सीमा शुल्क का ६०%, केन्द्रीय राजस्व का २०% व भारत के विदेश व्यापार एवं 40 अरब (US$580 मिलियन) निगमित करों से योगदान देती है।[1] मुंबई की पर कैपिटा आय 48,954 (US$710) है, जो राष्ट्रीय औसत आय की लगभग तीन गुणा है।[2] भारत के कई बड़े उद्योग (भारतीय स्टेट बैंक, टाटा ग्रुप, गोदरेज एवं रिलायंस सहित) तथा चार फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियां भी मुंबई में स्थित हैं। कई विदेशी बैंक तथा संस्थानों की भी शाखाएं यहां के विश्व व्यापार केंद्र क्षेत्र में स्थित हैं।[3] सन १९८० तक, मुंबई अपने कपड़ा उद्योग व पत्तन के कारण संपन्नता अर्जित करता था, किन्तु स्थानीय अर्थ-व्यवस्था तब से अब तक कई गुणा सुधर गई है, जिसमें अब अभियांत्रिकी, रत्न व्यवसाय, हैल्थ-केयर एवं सूचना प्रौद्योगिकी भी सम्मिलित हैं। मुंबई में ही भाभा आण्विक अनुसंधान केंद्र भी स्थित है। यहीं भारत के अधिकांश विशिष्ट तकनीकी उद्योग स्थित हैं, जिनके पास आधुनिक औद्योगिक आधार संरचना के साथ ही अपार मात्रा में कुशल मानव संसाधन भी हैं। आर्थिक कंपनियों के उभरते सितारे, ऐयरोस्पेस, ऑप्टिकल इंजीनियरिंग, सभी प्रकार के कम्प्यूटर एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जलपोत उद्योग तथा पुनर्नवीनीकृत ऊर्जा स्रोत तथा शक्ति-उद्योग यहां अपना अलग स्थान रखते हैं।

कफे परेड मुंबई का महत्वपूर्ण व्यवसायिक केन्द्र है, जहां विश्व व्यापार केन्द्र स्थित है, व अन्य कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान भी हैं।
बंबई स्टॉक एक्स्चेंज एशिया का पुरातनतम स्टॉक एक्स्चेंज है

नगर के कार्यक्षेत्र का एक बड़ा भाग केन्द्र एवं राज्य सरकारी कर्मचारी बनाते हैं। मुंबई में एक बड़ी मात्रा में कुशल तथा अकुशल व अर्ध-कुशल श्रमिकों की शक्ति है, जो प्राथमिकता से अपना जीवन यापन टैक्सी-चालक, फेरीवाले, यांत्रिक व अन्य ब्लू कॉलर कार्यों से करते हैं। पत्तन व जहाजरानी उद्योग भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से ढ़ेरों कर्मचारियों को रोजगार देता है। नगर के धारावी क्षेत्र में, यहां का कूड़ा पुनर्चक्रण उद्योग स्थापित है। इस जिले में अनुमानित १५,००० एक-कमरा फैक्ट्रियां हैं।[4]

मीडिया उद्योग भी यहां का एक बड़ा नियोक्ता है। भारत के प्रधान दूरदर्शन व उपग्रह तंत्रजाल (नेटवर्क), व मुख्य प्रकाशन गृह यहीं से चलते हैं। हिन्दी चलचित्र उद्योग का केन्द्र भी यहीं स्थित है, जिससे प्रति वर्ष विश्व की सर्वाधिक फिल्में रिलीज़ होती हैं। बॉलीवुड शब्द बाँम्बे व हॉलीवुड को मिलाकर निर्मित है। मराठी दूरदर्शन एवं मराठी चलचित्र। मराठी फिल्म उद्योग भी मुंबई में ही स्थित है।

शेष भारत की तरह, इसकी वाणिज्यिक राजधानी मुंबई ने भी १९९१ के सरकारी उदारीकरण नीति के चलते आर्थिक उछाल (सहसावृद्धि) को देखा है। इसके साथ ही १९९० के मध्य दशक में सूचना प्रौद्योगिकी, निर्यात, सेवाएं व बी पी ओ उद्योगों में भी उत्थान देखा है। मुंबई का मध्यम-वर्गीय नागरिक जहां इस उछाल से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है वहीं वो इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप उपभोक्ता उछाल का कर्ता भी है। इन लोगों की ऊपरावर्ती गतिशीलता ने उपभोक्तओं के जीवन स्तर व व्यय क्षमता को भी उछाला है। मुंबई को वित्तीय बहाव के आधार पर मास्टरकार्ड वर्ल्डवाइड के एक सर्वेक्षण में; विश्व के दस सर्वोच्च वाणिज्य केन्द्रों में से एक गिना गया है।[5]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. मनोरमा ईयर बुक. मलयाला मनोरमा. 2003. पृ॰ pp 678. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ISBN 81-900461-8-7 |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ (link)
  2. "महाराष्ट्र — ट्रीविया". महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम. मूल से 16 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-12-07.
  3. "Welcome To World Trade Centre, Mumbai". WTC Mumbai. मूल से 1 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-02-14.
  4. वेस्ट नॉट, वांट नॉट इन द £700m स्लम Archived 2009-02-13 at the वेबैक मशीन, द गार्जिरन, 4 मार्च,2007
  5. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; autogenerated1 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।