मुड़मा जतरा झारखंड राज्य में आयोजित होने वाला वार्षिक आदिवासी मेला है, जिसका आयोजन दशहरा के दसवें दिन किया जाता है। यह राँची से लगभग 28 किलोमीटर दूर राँची-डलटेनगंज मार्ग पर स्थित मुड़मा गांव में आयोजित होता है।[1]

इतिहास संपादित करें

इस मेले के आरंभ की कोई लिखित प्रामाणिक जानकारी उपल्ब्ध नहीं है लेकिन लोकगीतों एवं किवदंतियों के अनुसार यह मेला उराँव आदिवासी जनजाति के पलायन से जोड़कर देखा जाता है,[2] जतरा वह स्थान होता है जहां लोग किसी पर्व-त्यौहार के अवसर पर इकट्ठा होते हैं। छोटनागपुर के इतिहास के अनुसार जब मुग़लों ने रोहतसगढ़ पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया तो वहां रह रहे उराँव समुदाय के लोगों को गढ़ छोड़कर भागना पड़ा था और इसी क्रम में वे सोन नदी पार कर वर्तमान पलामू होते हुए वे राँची ज़िला में प्रवेश किए जहाँ मुड़मा में इनका सामना मुंडा जनजाति के मुड़ाओं (मुखिया) से हुआ। उराँव लोगों की व्यथा सुनकर मुड़ाओं ने उनको पश्चिम वन क्षेत्र की सफ़ाई करके वहां रहने की अनुमति प्रदान की थी। इसलिए उराँव जनजातीय समुदाय के 40 पाड़हा के लोग उस ऐतिहासिक समझौते के स्मृति में ‘मुड़मा जतरा’ को आयोजित करते हैं।[3]

मेला संपादित करें

इस दिन सरना धर्मगुरु के अगुवाई में 40 पड़हा के पाहान अधिष्ठात्री शक्ति के प्रतीक जतरा खूंटे की परिक्रमा व जतरा खूंटा की पूजा-अर्चना की जाती है।[4][5]

पाड़हा झंडे के साथ मेला स्थल पहुंचे पाहन (पुजारी) ढोल, नगाड़ा, मांदर के थाप अन्य ग्रामीणों के साथ नाचते-गाते आते हैं और मेला स्थल पर पाहन पारम्परिक रूप से सरगुजा के फूल सहित अन्य पूजन सामग्रियों के साथ देवताओं का आहवाहन करते हुए ‘जतरा खूँटा’ का पूजन करता है एवं प्रतीक स्वरूप दीप भी जलाया जाता है। इस पूजन में सफ़ेद एवं काला मुर्ग़ा की बलि भी चढ़ाई जाती है। इस प्रकार मेला का आरम्भ किया जाता है।[6] मेले मे शामिल लोग रल्पा चल्पा, बाघ, घोड़ा, हाथी, मगरमच्छ, नाव, शेर, मछली, तेंगरा, छाता सहित अन्य समुदायिक प्रतिक चिन्हों के साथ आते हैं और गाजे बाजे के साथ घंटों नाचते हैं। इसके बाद शक्ति स्थल की परिक्रमा भी किया जाता है।

सरना धर्मगुरु के अनुसार यह आदिवासियों का शक्ति पीठ है। मुड़मा गांव उरांव तथा मुंडा आदिवासी समुदायों का मिलन स्थल भी है। इस मेले सभी समुदाय के लोग आते हैं और सुख-समृद्धि व शांति की कामना करते  हैं।

संदर्भ संपादित करें

  1. "मुड़मा जतरा, the Glossary". hi.unionpedia.org. अभिगमन तिथि 2023-02-14.
  2. "जतरा क्या है? जतरा में क्या होता हैं? What is the Jatara ? What happens in the zatra? - Meko study notes". web.archive.org. 2020-11-12. मूल से 12 नवंबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-02-14.
  3. Live, Awaz (2022-10-11). "मुड़मा जतरा आज से - झारखंड, बिहार समेत अन्य राज्यों से 5 लाख लोग आएंगे". Awaz Live (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-02-14.
  4. "झारखंड में मुड़मा जतरा 11 अक्टूबर से, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे उद्घाटन, सुरक्षा के कड़े इंतजाम". Prabhat Khabar. अभिगमन तिथि 2023-02-14.
  5. "दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा शुरू, शक्ति खूंटा की हुई पूजा". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2023-02-14.
  6. "राजकीय परंपरागत ऐतिहासिक मुड़मा जतरा (मेला) 2022 के समापन समारोह में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन।". CURRENT KHABAR (अंग्रेज़ी में). 2022-10-12. मूल से 14 फ़रवरी 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-02-14.