मुर्दहिया दलित साहित्यकार डॉ॰ तुलसीराम की आत्मकथा है, जिसके माध्यम से लेखक ने कई वर्षों से दलित आत्मकथाओं में साहित्य जगत के बंधे-बंधाये मानदण्डों को तोड़कर अपने जीवन से जुड़े उस सच्चे और कड़ुवे यथार्थ को सबके सामने उजागर करने का प्रयास किया है, जिसे उन्होंने स्वयं झेला।[1][2]

मुर्दहिया  
लेखक तुलसी राम
मूल शीर्षक मुर्दहिया
देश भारत
भाषा हिन्दी
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
प्रकाशन तिथि जनवरी ०१, २०१०
मीडिया प्रकार सजिल्द
आई॰एस॰बी॰एन॰ 9788126719631

सन्दर्भ संपादित करें

  1. तुलसी राम. मुर्दहिया. राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली (प्रकाशन वर्ष:जनवरी ०१, २०१०). आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788126719631.
  2. पाखी (पत्रिका) में पुस्तक का मूल्यांकन Archived 2015-09-24 at the वेबैक मशीन शीर्षक: विचारों की परख और दलित संरचना, समीक्षक: सरिता रावत