मूर्धन्य व्यंजन ऐसे किरीट व्यंजन (यानि जिह्वा के लचीले के सामने के हिस्से से उच्चारित) होते हैं जो जिह्वा द्वारा वर्त्स्य कटक और कठोर तालू के बीच उच्चारित होते हैं। इनमें "ट", "ठ", "ड", "ढ", "ड़", "ढ़", "ष" और "ण" शामिल हैं।[1][2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. John Esling (2010) "Phonetic Notation", in Hardcastle, Laver & Gibbon (eds) The Handbook of Phonetic Sciences, 2nd ed., p 695.
  2. Ladefoged, Peter; Maddieson, Ian (1996). The Sounds of the World's Languages. Oxford: Blackwell. ISBN 0-631-19814-8.