मूल्य विरोधाभास
मानव के जीवित रहने और स्वास्थ्य की दृष्टि से हीरे की तुलना में जल अधिक उपयोगी है, फिर भी बाजार में हीरे का मूल्य जल की तुलना में बहुत अधिक होता है। यह विरोधाभास मूल्य विरोधाभास ( paradox of value या diamond–water paradox) कहलाता है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Samuelson, P. Anthony., Samuelson, W. (1980). Economics. 11th ed. / New York: McGraw-Hill.
इन्हें भी देखें
संपादित करें- मूल्य का श्रम सिद्धान्त (Labour theory of Value)
- दुर्लभता या अभाव
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