मूल तारा
मूल या शौला, जिसका बायर नाम "लाम्डा स्कोर्पाए" (λ Scorpii या λ Sco) है, वॄश्चिक तारामंडल का दूसरा सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले पच्चीसवा सब से रोशन तारा है। मूल तारा एक बहु तारा मंडल है जिसके तीन हिस्से दिखते हैं।
अन्य भाषाओँ में
संपादित करेंअंग्रेज़ी में मूल तारे को "शौला" (Shaula) कहते हैं जो अरबी भाषा के "अल-शौला" (الشولاء) से लिया गया है। वॄश्चिक (यानि बिच्छु) में "अल-शौला" उसकी डंग-वाली उठी हुई पूँछ को कहते हैं।
विवरण
संपादित करेंमूल तारा वास्तव में एक बहु तारा मंडल हैं जिसके तीन हिस्से दिखते हैं -
- मूल "ए" (λ Sco A) एक B श्रेणी का उपदानव तारा है, लेकिन और अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ है के यह असल में स्वयं भी तीन तारों का मंडल है जिसमें दो B श्रेणी के उपदानव तारे हैं और एक मुख्य अनुक्रम पूर्वी तारा है। इस मंडल का मुख्य तारा एक बेटा सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा है, जिसमें तारे की सतह पर होती कम्पन की वजह से तारे की रोशनी कम-ज़्यादा होती रहती है।[1][2] इस मंडल के दो उपदानवों के द्रव्यमान सूरज के द्रव्यमान से लगभग 10.4 और 8.1 गुना हैं जबकि छोटे मुख्य अनुक्रम पूर्वी तारे का द्रव्यमान सूरज का 1.8 गुना है।
- मूल "बी" (λ Sco B) और मूल "सी" (λ Sco C) के बारे में ज्ञात नहीं है के इनका मूल "ए" से कोई गुरुत्वाकर्षक सम्बन्ध है भी के नहीं। अगर है, तो यह उस तारे मंडल से क़रीब 17,000 खगोलीय इकाइयों की दूरी पर स्थित हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Interpretation of the variability of the β Cephei star λ Scorpii. I. The multiple character, K. Uytterhoeven, B. Willems, K. Lefever, C. Aerts, J. H. Telting, and U. Kolb, Astronomy and Astrophysics 427 (2004), 581–592. Abstract on ADSABS Archived 2007-03-12 at the वेबैक मशीन
- ↑ Orbital elements, masses and distance of λ Scorpii A and B determined with the Sydney University Stellar Interferometer and high-resolution spectroscopy, W. J. Tango, J. Davis, M. J. Ireland, C. Aerts, K. Uytterhoeven, A. P. Jacob, A. Mendez, J. R. North, E. B. Seneta, and P. G. Tuthill, Monthly Notices of the Royal Astronomical Society 370 (2006) 884–890. Abstract on ADSABS Archived 2020-04-14 at the वेबैक मशीन