मेघालय सरकार
मेघालय सरकार भारतीय राज्य मेघालय एवं उसके सभी ११ जिलों की सर्वोच्च अधिशासी प्राधिकारी है। इसकी प्रमुख शाखाओ में राज्यपाल के नेतृत्व में कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका आते हैं।
राज्य की विधान सभा में वर्तमान में ६० सदस्य होते हैं। मेघालय राज्य के दो प्रतिनिधि लोक सभा हेतु निर्वाचित होते हैं, प्रत्येक एक शिलांग और एक तुरा निर्वाचन क्षेत्र से। यहां का एक प्रतिनिधि राज्य सभा में भी जाता है। इसका कार्यकाल ५ वर्ष का होता है।[1]राज्य के सृजन से ही यहां गौहाटी उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र रहा है। १९७४ से ही गौहाटी उच्च न्यायालय की एक सर्किट बेञ्च यहां स्थापित है। मार्च २०१३ में मेघालय उच्च न्यायालय को गौहाटी उच्च न्यायालय से विलग कर दिया गया और अब राज्य का अपना उच्च न्यायालय है।
स्थानीय स्व-सरकार
संपादित करेंराष्ट्र की ग्रामीण जनता को स्थानीय स्व-सरकार उपलब्ध कराने हेतु भारतीय संविधान में प्रायोजन किये गये हैं। इनके अनुसार पंचायती राज संस्थान की स्थापना की गयी है। पूर्वोत्तर राज्यों के भिन्न रीति रिवाजों एवं मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए, क्षेत्र के लिये एक अलग राजनीतिक एवं प्रशासनिक ढांचे का निर्माण किया गया है[उद्धरण चाहिए] क्षेत्र की कुछ जनजातियों की अपनी पारम्परिक राजनीतिक प्रणालियां हैं। इनके चलते यह महसूस किया गया कि पंचायती राज प्रणाली यहां लागू की जाने से विवाद उत्पन्न करेगी। गोपीनाथ बोरदोलोई की अध्यक्षता में बनी एक उपसमिति की सिफ़ारिशों को संविधान में संलग्न किया गया। इसके तहत मेघालय सहित पूर्वोत्तर के कई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वायत्त जिला परिषदों का गठन कर उनका अपना संविधान लागू किया गया। मेघालय में ऐसी एडीसी परिषदें निम्न हैं:
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Meghalaya Legislative Assembly". Legislative Bodies in India. National Informatics Centre, Government of India. मूल से 2 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-05-10.