मेघा-ट्रापिक्स
मेघा-ट्रापिक्स (Megha-Tropiques) जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में उष्णकटिबंधीय वातावरण में जल चक्र का अध्ययन करने के लिए एक उपग्रह मिशन है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रांस की अंतरिक्ष अनुसंधान सिनेस के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है। मेघा-ट्रापिक्स सफलतापूर्वक अक्टूबर 2011 में पीएसएलवी रॉकेट द्वारा कक्षा में तैनात किया जा चुका है।
मिशन प्रकार | मौसम उपग्रह |
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संचालक (ऑपरेटर) | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन/सिनेस |
कोस्पर आईडी | 2011-058A |
सैटकैट नं॰ | 37838 |
वेबसाइट |
meghatropiques |
मिशन अवधि | 3 वर्षों (योजना) |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
निर्माता | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
लॉन्च वजन | 1,000 किलोग्राम (2,205 पौंड) |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 12 अक्टूबर 2011 |
रॉकेट | ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सीए सी18 |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
ठेकेदार | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भू कक्षा |
अर्ध्य-मुख्य अक्ष (सेमी-मेजर ऑर्बिट) | 7,238.45 किलोमीटर (4,497.76 मील) |
विकेन्द्रता | 0.0009922 |
परिधि (पेरीएपसिस) | 860 किलोमीटर (530 मील) |
उपसौर (एपोएपसिस) | 874 किलोमीटर (543 मील) |
झुकाव | 19.98 डिग्री |
अवधि | 102.15 मिनट |
युग | 25 जनवरी 2015, 01:35:41 यूटीसी |
मेघा-ट्रापिक्स शुरू में 2003 में ही खत्म कर दिया गया था। लेकिन बाद में 2004 में भारत ने अपने योगदान में वृद्धि की और कुल लागत को कम कर दिया जिससे इस अभियान को दोबारा शुरू किया गया था।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Megha-Tropiques". मूल से 5 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 सितंबर 2016.