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अंतरिक्ष उड़ान (Spaceflight) अंतरिक्ष में गुज़रने वाली प्रक्षेपिक उड़ान होती है। अंतरिक्ष उड़ान में अंतरिक्ष यानों का प्रयोग होता है, जो मानव-सहित या मानव-रहित हो सकते हैं। मानवीय अंतरिक्ष उड़ान में अमेरिकी द्वारा करी गई अपोलो चंद्र यात्रा कार्यक्रम और सोवियत संघ (और उसके अंत के बाद रूस) द्वारा संचालित सोयूज़ कार्यक्रम शामिल हैं। मानव-रहित अंतरिक्ष उड़ान में पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करते सैंकड़ो उपग्रह तथा पृथ्वी की कक्षा छोड़कर अन्य ग्रहों, क्षुद्रग्रहों व उपग्रहों की ओर जाने वाले भारत के मंगलयान जैसे अंतरिक्ष शोध यान शामिल हैं।

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चयनित चित्र

A transit of Earth by the Moon.
A transit of Earth by the Moon.
श्रेय: NASA - image source

A transit of Earth by the Moon, as photographed by the Deep Space Climate Observatory from the Sun-Earth L1 Lagrangian point. This animation was compiled from a set of 60 frames—20 distinct images, each compiled from monochrome images taken in red, green and blue filters—taken over the course of five hours on July 16, 2015. Each monochrome frame was taken every 30 seconds. Due to the speed of the Moon's motion, this results in a slight green shift in some frames of the animation.

चयनित लेख

चन्द्रयान
चन्द्रयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक अभियान व यान का नाम है। चंद्रयान चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान है। इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को २२ अक्टूबर, २००८ को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह ३० अगस्त, २००९[1] तक सक्रिय रहा। यह यान पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल (पी एस एल वी) के एक परिवर्तित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र 'इसरो' के चार चरणों वाले ३१६ टन वजनी और ४४.४ मीटर लंबा अंतरिक्ष यान चंद्रयान प्रथम के साथ ही ११ और उपकरण एपीएसएलवी-सी११ से प्रक्षेपित किए गए जिनमें से पाँच भारत के हैं और छह अमरीका और यूरोपीय देशों के।[2] इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में ५ दिन लगेंगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में 15 दिनों का समय लग जाएगा।[3] इस परियोजना में इसरो ने पहली बार १० उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित किए।

चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। चंद्रयान-प्रथम ने चंद्रमा से १०० किमी ऊपर ५२५ किग्रा का एक उपग्रह ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया। यह उपग्रह अपने रिमोट सेंसिंग (दूर संवेदी) उपकरणों के जरिये चंद्रमा की ऊपरी सतह के चित्र भेजे।

भारतीय अंतरिक्षयान प्रक्षेपण के अनुक्रम में यह २७वाँ उपक्रम है। इसका कार्यकाल लगभग २ साल का होना था, मगर नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूटने के कारण इसे उससे पहले बंद कर दिया गया। चन्द्रयान के साथ भारत चाँद को यान भेजने वाला छठा देश बन गया था। इस उपक्रम से चन्द्रमा और मंगल ग्रह पर मानव-सहित विमान भेजने के लिये रास्ता खुला।

चयनित जीवनी

लिउ यांग
लिउ यांग

लिउ यांग (Liu Yang) का जन्म 6 अक्टूबर 1978 में हुआ था। लिउ यांग चीनी एयर फोर्स की परिवहन पायलट और अंतरिक्ष यात्री है। 16 जून 2012 को, लिउ यांग चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी। जब लिउ यांग को शेह्ज़होउ 9 मिशन पर भेजा गया था।

पुरालेख/नामांकन

अंतरिक्ष उड़ान खबर



अगला अनुसूचित लांच

अगला अनुसूचित लांच इसरो द्वारा 27 जनवरी, 2017 को पीएसएलवी की मदद से 87 उपग्रह लांच किये जायेंगे।
एक पूरी लांच अनुसूची के लिए देखें 2025 अंतरिक्ष उड़ान में

आज के दिन

क्या आप जानते हैं...

  • nCube, a typical CubeSat
    nCube, a typical CubeSat

    …कि एक क्यूबसैट (चित्र) एक घन है, सभी आयामों में 10 सेंटीमीटर, कम से कम एक किलोग्राम वजन?

  • ... कि 1971 में सोवियत संघ ने विश्व का पहला अंतरिक्ष स्टेशन, सल्यूट 1 लांच किया?
  • …that the backup crew of Apollo 11 consisted of Jim Lovell, Bill Anders and Fred Haise, although after Anders announced his intention to retire, Ken Mattingly was also assigned in case the mission was delayed until after Anders had left? The backup crew, with Mattingly replacing Anders, was later assigned to Apollo 13.
  • मुख्य विषय

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