मैत्रेयी पुष्पा
मैत्रेयी पुष्पा हिंदी लेखिका हैं। उन्हें हिन्दी अकादमी दिल्ली का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।[1]
मैत्रेयी पुष्पा | |
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चित्र:Maitreyi-Pushpa.jpg मैत्रेयी पुष्पा |
जीवन
संपादित करेंउनका जन्म 30 नवंबर, 1944 को अलीगढ़ जिले के सिकुर्रा गाँव में हुआ। उनके जीवन का आरंभिक भाग बुंदेलखण्ड में बीता।
शिक्षा
संपादित करेंउनकी आरंभिक शिक्षा झाँसी जिले के खिल्ली गाँव में तथा एम॰ए॰ (हिंदी साहित्य) बुंदेलखंड कालेज, झाँसी में हुआ।
कृतियाँ
संपादित करेंउपन्यास
संपादित करें- स्मृति दंश (१९९०)[2]
- बेतवा बहती रही (१९९३)
- इदन्नमम (१९९४)
- चाक (१९९७)
- झूला नट (१९९९)
- अल्मा कबूतरी(2000)
- कहै ईसुरी फाग(2004)
- चिन्हार
- गुनाह बेगुनाह
त्रिया हठ (2005) विजन
आत्मकथा
संपादित करें- कस्तूरी कुण्डल बसै(२००३)
- गुड़िया भीतर गुड़िया(२००८)
कहानी संग्रह
संपादित करें- चिन्हार
- ललमनियाँ तथा अन्य कहानियां
- त्रिया हठ
- फैसला
- सिस्टर
- सेंध
- अब फूल नहीं खिलते
- बोझ
- पगला गई है भागवती
- छाँह
- तुम किसकी हो बिन्नी?
कविता संग्रह
संपादित करें- लकीरें
यात्रा संस्मरण
संपादित करें- अगनपाखी
लेख संग्रह
संपादित करें- खुली खिड़कियां
सम्मान
संपादित करें- हिंदी अकादमी द्वारा साहित्य कृति सम्मान
- कहानी 'फ़ैसला' पर कथा पुरस्कार मिला
- 'बेतवा बहती रही' उपन्यास पर उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा प्रेमचंद सम्मान(१९९५)
- 'इदन्नमम' उपन्यास पर शाश्वती संस्था बंगलौर द्वारा नंजनागुडु तिरुमालंबा पुरस्कार
- म.प्र. साहित्य परिषद द्वारा वीरसिंह देव सम्मान
- वनमाली सम्मान 2011[3]
बाहरी कडियाँ
संपादित करें- खुद को पत्नी माना ही नहीं कभी: हंस के एक अंक में राजेन्द्र यादव ने मैत्रेयी की तुलना मरी हुयी गाय से की, इस पर साहित्य जगत में काफी हलचल हुयी। इस व अन्य विषयों पर कथाकार अमरीक सिंह दीप की मैत्रेयी पुष्पा से निरंतर ब्लॉगज़ीन में प्रकाशित बातचीत।
- भारतीय साहित्य संग्रह पर मैत्रेयी की पुस्तकें
- मंच से बिन्नू बोलेगी या फिर मैत्रेयी पुष्पा
- गजब नेता – मैत्रेयी पुष्पा
- मैत्रेयी पुष्पा - सेक्स प्रेम की मृत्यु है