मोक्षोपाय या मोक्षोपायशास्त्र एक संस्कृत दार्शनिक ग्रन्थ है जो उनके लिए भी मोक्ष का मार्ग बताती है जो वैरागी या तपस्वी नहीं हैं। 'मोक्षोपाय' का शाब्दिक अर्थ है- 'मोक्ष के उपाय'। इसकी रचना १०वीं शताब्दी में कश्मीर में प्रद्युम्न पर्वत पर हुई थी।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Slaje, Walter. (2005). "Locating the Mokṣopāya", in: Hanneder, Jürgen (Ed.). The Mokṣopāya, Yogavāsiṣṭha and Related Texts Aachen: Shaker Verlag. (Indologica Halensis. Geisteskultur Indiens. 7). p. 35.