मोतीलाल राजवंश हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उनको हिंदी सिनेमा के पहले सहज अभिनेता होने का श्रेय दिया जाता है। उनको फ़िल्म देवदास[1] और परख[2] के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला।

मोतीलाल
पेशा अभिनेता

व्यक्तिगत जीवन

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4 दिसंबर, 1910 [3] को शिमला में एक प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे मोतीलाल के पिता एक प्रख्यात शिक्षाविद थे। मोतीलाल को शिक्षा के लिए शिमला में एक अंग्रेजी स्कूल और फ़िर उत्तर प्रदेश में भेजा गया। बाद में वह दिल्ली चले गए जहां उन्होने अपनी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई जारी रखी।

फिल्मी सफर

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कॉलेज छोड़ने के बाद मोतीलाल बंबई में नौसेना में शामिल होने के लिए आए परन्तु बीमार होने के कारण परीक्षा नहीं दे पाए। 1934 में (24 आयु) सागर फ़िल्म कंपनी में शहर का जादू फ़िल्म के लिए नायक की भूमिका की पेशकश की गई। बाद में उन्होंने सबिता देवी के साथ-साथ कई सफल सामाजिक नाटक में विशेष रूप से डा मधुरिका (1935) और कुलवधु (1937) में काम किया।

प्रमुख फिल्में

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वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1966 ये ज़िन्दगी कितनी हसीन है
1965 वक्त
1964 लीडर
1963 ये रास्ते हैं प्यार के
1960 परख हरधन / सर जगदीश चन्द्र रॉय
1959 अनाड़ी
1959 पैग़ाम
1956 जागते रहो
1955 देवदास
1953 धुन
1950 हँसते आँसू
1946 फुलवारी

नामांकन और पुरस्कार

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  1. "Filmfare Awards". मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2016.
  2. Sukanya Verma (September 25, 2014). "Classic Revisited: Bimal Roy's satirical gem, Parakh". Rediff.com movies. मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-09-26.
  3. "Motilal". मूल से 11 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-08-15.

बाहरी कड़ियाँ

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