मोनोफ़िन
मोनोफ़िन एक क़िस्म का तैरने का फ़िन होता है जिसमें एक ही बड़े फ़िन में दो खोल होते हैं जिनमें तैराक या ग़ोताख़ोर अपने दोनों पैर डालता है। आम तौर से तैरने के दो फ़िन हुआ करते हैं जो दोनों टाँगों-पैरों को अलग-अलग हिलने देते हैं, लेकिन मोनोफ़िन में एक ही फ़िन होने की वजह से तैराक के दोनों पैर और टाँगे एक ही साथ हिलाते हैं।
इतिहास
संपादित करेंमोनोफ़िन की इजाद १९७२ में सोवियत संघ में एक युक्रेन में स्थित तैराकी के क्लब में हुई। मोनोफ़िन पहनने वाले १२ किमी प्रति घंटे की रफ़्तार तक तैर सकते हैं।
प्रयोग
संपादित करेंमोनोफ़िन के साथ तैरते हुए घुटनों का प्रयोग न के बराबर होता है और ज़्यादा ज़ोर कूल्हों (हिप) को ऊपर-नीचे उठा कर लगाया जाता है। यह तैरने का तरीक़ा डॉल्फिन के तैरने के तरीक़े से मिलता जुलता है और इसमें धीरे-धीरे ज़ोर लगाने पर भी मोनोफ़िन से आगे की ओर तैरने का काफ़ी धक्का लगाया जा सकता है। बिना हवा के बंदोबस्त के जो मुक्त ग़ोताख़ोरी की जाती है उसमें यह बहुत फ़ायदेमंद चीज़ है क्योंकि धीरे-धीरे तैरने पर भी काफ़ी आगे तक बिना साँस लिए तैरा जा सकता है।