मोन भाषा
मोन भाषा बर्मा और थाईलैंड में मोन समुदाय द्वारा बोली जाने वाले एक ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा है।
मोन भाषा बर्मा और थाईलैंड में मोन समुदाय द्वारा बोली जाने वाले एक ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा है। इसे दस लाख से अधिक लोग बोलते हैं लेकिन नई पीढ़ी तेज़ी से इसे भुलाकर बर्मी भाषा बोलने लगी है जिस से इस भाषा के भविष्य के लिए ख़तरा बन गया है। दक्षिणपूर्व एशिया की मुख्यभूमि की अधिकतर भाषाएँ सुरभेदी हैं, लेकिन उनके विपरीत मोन सुरभेदी नहीं है। मोन भारत की ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न मोन लिपि में लिखी जाती है जिस से आगे बर्मी लिपि भी विकसित हुई है।[1]
मोन | ||||
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ဘာသာမန် | ||||
उच्चारण | साँचा:IPA-mnw | |||
बोलने का स्थान | ||||
तिथि / काल | 2007 | |||
क्षेत्र | निचला म्यांमार | |||
समुदाय | मोन | |||
मातृभाषी वक्ता | 800,000 - एक अरब | |||
भाषा परिवार |
आग्नेय भाषापरिवार
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लिपि | मोन-बर्मी लिपि | |||
मान्य अल्पसंख्यक भाषा |
म्यांमार थाईलैंड | |||
भाषा कोड | ||||
आइएसओ 639-3 |
इनमें से एक: mnw – आधुनिक मोन omx – पुरानी मोन | |||
लिंग्विस्ट लिस्ट | omx पुरानी मोन | |||
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सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "UNESCO Atlas of the World's Languages in danger". www.unesco.org. अभिगमन तिथि 2021-11-05.