मोरखाणा
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यह स्थान बीकानेर से २८ मील दक्षिण-पूर्व में है। यहां का सुसवाणी देवी का मंदिर उल्लेखनीय [1]है। यह मंदिर एक ऊँचे टीले पर बना है तथा इसमें [2]एक तहखाना, खुला हुआ प्रांगण एवं [3] बरामदा है।
मोरखाणा सिंध मोरखाणा मोरखाना | |
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कस्बा | |
श्री सुसवाणी माता मंदिर , मोरखाणा | |
निर्देशांक: 27°45′03″N 73°32′27″E / 27.750730°N 73.540786°Eनिर्देशांक: 27°45′03″N 73°32′27″E / 27.750730°N 73.540786°E | |
Country | India |
State | राजस्थान |
District | Bikaner |
Languages | |
• Official | Hindi |
समय मण्डल | IST |
PIN | 334202 |
यह सारा जैसलमेरी पत्थरों का बना है और इसके तहखाने की बाहरी चाहरदीवारों पर देवताओं और नर्तकियों की आकृतियां खुदी है। इसी प्रकार द्वार भाग भी खुदाई के काम से भरा हुआ है। तहखाने के चारों तरफ एक नीची दीवार बनी है। प्रागंण पर छत है जो १६ खंभों पर स्थित है, जिनमें १२ तो चारों ओर घेरे में लगे हैं। शेष ४ मध्य में हैं। मध्य के चारों स्तंभ और तहखाने के सामने के दो स्तंभ घटपल्लभ शैली में बने हैं। घेरे में लगे हुए स्तंभ श्रीधर शैली के हैं। मध्य के स्तंभों में से एक पर बैठे हुए मनुष्य की आकृति खुदी है।[4]
तहखाने के सामने दांई तरफ के स्तंभ पर दो लेख खुदे हैं। एक तरफ का लेख स्पष्ट नहीं है तथा दूसरी तरफ का लेख ११७२ ई० का है तथा इसके ऊपरी भाग में एक स्री की आकृति बनी हुई है। [5]
मुख्य मंदिर मोरखाना जाने का मार्ग
संपादित करेंमोरखाना जाने के लिए नोखा जो की राजस्थान के बीकानेर जिले से ४५ किमी दुरी पर है वहां जाना पड़ता हे उसके बाद नोखा से कोई साधन करके या अपने पर्सनल साधन से काकडा चौराहा होते हुए बेरासर गांव आता हे वहा से सीधे मोरखाना के लिए रास्ता जाता हे जहां पर खाने पिने और ठहरने के लीये सब सुविधाए है|
इन्हे भी देखे
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Shree Suswani Mata Ji Mandir". suswanimataji.com. अभिगमन तिथि 2024-08-02.
- ↑ "Morkhana Village". www.onefivenine.com. अभिगमन तिथि 2024-08-02.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 दिसंबर 2015.
- ↑ "बीकानेर के दर्शनीय स्थल". Wikipedia.
- ↑ "राजा मयूरध्वज व् सुराणा समाज से तालुक रखता है मोरखाना गांव". Rao Ji. मूल से 1 जुलाई 2018 को पुरालेखित.
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in first (मदद) - ↑ "सुसवाणी_माता".
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in first (मदद)[मृत कड़ियाँ]
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