मोहनमंत्र वह मंत्र है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को या समुदाय को मोहित किया जाता है। इसके द्वारा मनुष्य की मानसिक क्रियाओं पर प्रभाव डालकर उसको वश में किया जाता है। राज्याभिषेक के समय राजा को एक मणि, जो पर्ण वृक्ष की बनाई जाती थी, मोहनमंत्र से अभिमंत्रित करके पहिनाई जाती थी। इससे जो भी राजा के सामने जाता था वह मोहित और प्रभावित हो जाता था। युद्ध के समय मोहनमंत्र का प्रयोग शत्रु की सेना पर किया जाता था। रणदुदंभी पर मोहनमंत्र किया जाता था जिससे उसको सुनने वाले विपक्ष के सैनिक मोहित और भयभीत हो जाते थे। किसी व्यक्ति विशेष पर मोहनमंत्र करने के लिये भी उसी प्रकार पुतला बनाया जाता था जैसे बशीकरण मंत्र में किया जाता है। साँप को मोहनमंत्र द्वारा निष्क्रिय किया जाता है।[1]

इंहें भी देखें

संपादित करें
  1. सुरेन्द्र, बिल्लौरे. "गृह रक्षा मंत्र और पति मोहन मंत्र". वेबदुनिया. मूल से 23 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जून 2020.