मोहन मन्दिर, सेंथल
मोहन मन्दिर, उत्तरप्रदेश के बरेली ज़िले के स्थित है। 1857 के गदर में शहीद होने वाले खेमकरन और भोले बेलदार की याद में यहाँ के नवाब ग़ालिब अली ने सेंथल में मोहन मंदिर बनवाया था। कालांतर में मंदिर का वजूद खत्म हो गया। इसकी बुनियाद ग़ालिब अली के सबसे छोटे बेटे मीर मुहम्मद ज़फ़र ने रखी थी। [1]
पुन: स्थापना
संपादित करेंनवाब गालिब अली की पांचवीं पीढ़ी के वंशज उर्फी रजा जैदी ने बरेली के गजट और इतिहास की किताबों का अध्ययन कर मंदिर की सही लोकेशन पता की। 1878 के बंदोबस्त में यह मंदिर दर्ज मिला। इसके बाद उन्होंने दोनों शहीदों के वंशजों को खोजा। भोले बेलदार के वंशज तो नहीं मिले मगर खेमकरन के वंशज मिल गए। आखिर पर्यटन विभाग ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण का फैसला किया। इसके लिए 12 लाख रुपये का बजट आंवटित हुआ।[2]
पुरस्कार
संपादित करेंरुसी ( साइबेरिया) के शाही ख़ानदान ने पेशवा बालाजी बाजीराव के वंशज नवाब शादाब अली बहादुर पेशवा व सेंथल (ज़िला बरेली) के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नवाब ग़ालिब अली तातारी के वंशज शाह उर्फ़ी रज़ा ज़ैदी को भारत की सांस्कृतिक विरासत उन्नति और भाईचारे की दिशा में किए गए शांति प्रयासों के लिए पुरस्कार से नवाज़ा गया।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ https://www.siasat.com/muslim-man-bareilly-striving-restore-historic-temple-1645474/
- ↑ https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/bareily/story-research-scholar-urfi-raza-zaidi-will-get-respect-in-russia-4631199.html
- ↑ https://www.allrightsmagazine.com/the-royal-family-of-siberia-awarded-titles-to-nawab-shadab-ali-and-shah-urfi-raza-zaidi-for-their-peace-efforts/